तालिबान द्वारा पेश शांति समझौता संपन्न होने के बाद अफगान राष्ट्रीय सेना को भंग करने की योजना सरकार की सुरक्षा व्यवस्था के खिलाफ एक साजिश है। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 3 फरवरी को यह बात करते हुए इसकी कड़ी निंदा की।
हाल ही में तालिबान के प्रतिनिधि शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने हाल ही में कहा कि वर्तमान में अफगान सेना अवैध है और वह अमेरिका की सहायता से स्थापित हुई है। अगर अमेरिका अफगानिस्तान से सेना हटाता है, तो अफगानिस्तान को सेना की जरूरत नहीं होगी।
अशरफ गनी ने कहा कि यह विचार एक साजिश है, जिसका लक्ष्य अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा बलों को खारिज कर अफगानिस्तान में अस्थिरता और अराजकता फैलाना है। अफगान राष्ट्रपति भवन ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि "सुरक्षा और रक्षा शक्ति संरक्षण के बिना शांति" स्वीकार नहीं की जा सकती है।
(वनिता)