इधर के दिनों में विदेशों में आम लोकमतों ने हांगकांग में हुई गड़बड़ और हिंसक कार्यवाहियों की कड़ी निन्दा करते हुए चीन सरकार के रुख का समर्थन किया।
फिलिस्तीनी राष्ट्रपति भवन ने अपने वक्तव्य में यह दोहराया कि फिलिस्तीन चीन के अपनी राजकीय प्रभुसत्ता की रक्षा करने की कार्यवाही का समर्थन करता है। कोरियाई वर्गिंग पार्टी के अख़बार रोदोंग सिमुन ने अपने संपादकीय में कहा कि डीपीआरके चीन द्वारा अपनी प्रादेशिक अखंडता की रक्षा के लिए किये गये सभी कदमों का समर्थन करता है। उधर फिलिपीन्स के चीन शांतिपूर्ण पुनरेकीकरण संघ के अध्यक्ष ने कहा कि हांगकांग का मामला चीन के अन्दरूनी मामलों में से एक है। किसी भी विदेशी बल को हस्तक्षेप की इजाजत नहीं दी जा सकती है। उधर ब्राजील, मिस्र, बेल्जियम और चेक गणराज्य आदि देशों के चीनी उत्प्रवासी संगठनों के नेताओं ने कहा कि विदेशों में रह रहे चीनी उत्प्रवासी केंद्र सरकार के रुख का समर्थन करते हैं और केंद्र तथा हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र की सरकार द्वारा एक देश में दो व्यवस्थाएं प्रणाली की रक्षा के लिए की गयी कोशिशों का समर्थन करते हैं। वहीं ऑस्ट्रेलिया में बीसेक चीनी उत्प्रवासी संगठनों ने अपने एक संयुक्त वक्तव्य में चीन को विभाजित करने की सभी हरकतों का विरोध किया और हांगकांग के नागरिकों से कट्टरपंथियों के हंगामे को रोकने की अपील की।
उधर हांगकांग में प्रमुख मीडिया ने हांगकांग में कई लाख नागरिकों की "हिंसा को रोको, हांगकांग को बचाओ" रैली की खूब रिपोर्टिंग करते हुए कहा कि गड़बड़ का खात्मा करना सभी नागरिकों की आम उम्मीद बनी है। हांगकांग समाज में विभिन्न जगतों के व्यक्तियों ने नागरिकों की "हिंसा को रोको, हांगकांग को बचाओ" रैली का समर्थन करते हुए हिंसक कार्यवाहियों की कड़ी निन्दा की। उन्होंने हांगकांग विशेष प्रशासनिक क्षेत्र के प्रमुख अधिकारी और पुलिस के कानून के मुताबिक कदम उठाने का समर्थन किया और कहा कि हिंसकों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय चिन्ह को नष्ट करने की कार्यवाही राष्ट्रीय गरिमा का अपमान और राष्ट्रीय संप्रभुता को चुनौती देने की कट्टरपंथी कार्यवाही है। हांगकांग कई पीढ़ियों द्वारा निर्मित किया गया है। कट्टरपंथियों द्वारा हांगकांग को नष्ट किये जाने की कार्यवाही असहनीय है।
( हूमिन )