यूएन मानवाधिकार परिषद के 48वें सम्मेलन में तिब्बत के मानवाधिकार संबंधित बैठक आयोजित
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 48वें सम्मेलन के दौरान“तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति की 70वीं वर्षगांठ और मानवाधिकार कार्य विकास”शीर्षक बैठक 24 सितंबर को आयोजित हुई। देश में कुछ विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों के कई विद्वानों ने शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद पिछले 70 सालों में तिब्बत में आर्थिक अधिकार, शिक्षा अधिकार, स्वास्थ्य अधिकार आदि अधिकारों के संरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा की।
चीनी तिब्बती विद्या अनुसंधान केंद्र के सामाजिक आर्थिक अनुसंधान विभाग की शोधकर्ता केसांग च्वोमा ने कहा कि तिब्बत में गरीबी उन्मूलन का अभ्यास बहुत सफल है, जिसकी वजह से मानवाधिकारों के विकास के लिए निष्पक्ष और न्यायपूर्ण वातावरण बनाया गया है, और तिब्बती लोगों के अस्तित्व और विकास के अधिकारों की कारगर रूप से गारंटी दी गई है। यह तिब्बत में मानवाधिकारों के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है।
चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी की शोधकर्ता फ़ांग सूमेई ने कहा कि शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद पिछले 70 सालों में तिब्बत में स्वास्थ्य कार्य में जमीन आसमान का परिवर्तन आया है। स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में कदम-ब-कदम सुधार किया गया है, और तिब्बती लोगों के स्वास्थ्य अधिकारों और हितों की प्रभावी रूप से गारंटी दी गई है। सरकार ने कृषि और पशु-पालन क्षेत्रों के लिए चिकित्सा सब्सिडी मानकों में लगातार सुधार किया है, और स्वस्थ गरीबी उन्मूलन रणनीति लागू की है। तिब्बत के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्य में भी महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इसके साथ ही तिब्बती चिकित्सा की विरासत, नवाचार, और विकास को बहुत महत्व दिया जाता है।
तिब्बत विश्वविद्यालय के प्रोफैसर त्सेरिंग फ्येनत्वो ने शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद तिब्बत में व्यापक किसानों और चरवाहों के शिक्षा अधिकार से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि राज्य ने नागरिकों के शिक्षा अधिकार की रक्षा के लिए श्रृंखलाबद्ध कानूनों और विनियमों को बनाया, जिससे तिब्बती लोगों के शिक्षा अधिकार की बेहतर सुरक्षा की जाती है।