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ल्हासा में प्रचीन इमारतों की मरम्मत करने वाला युवा श्या य्वीच्युन

criPublished: 2021-10-07 18:40:29
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श्या य्वीच्युन पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत के सूचो शहर के निवासी हैं। साल 2016 से वह तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में रह रहे हैं। उन्होंने ब्रिटेन में बर्मिंघम इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट एंड डिजाइन से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और उन्हें प्राचीन तिब्बती वास्तुकला के अध्ययन और संरक्षण के बारे में दिलचस्पी है।

श्या य्वीच्युन की नजर में ल्हासा में रहने और तिब्बती संस्कृति में घुलने-मिलने से वह तिब्बत की संस्कृति और यहां की प्राचीन वास्तुकला को और अच्छी तरह समझने लगे हैं।

गत जुलाई के अंत में तिब्बत का पहला सांस्कृतिक और कलात्मक स्थान, चिपनकांग कला केंद्र, जिसके संरक्षण के लिए एक प्राचीन इमारत को बदल दिया गया था, औपचारिक तौर पर ल्हासा में खुला और पहली कला प्रदर्शनी का शुभारंभ किया गया। इस कला केंद्र का निर्माण लगभग दो सौ साल पुराने चिपंगकांग लाखांग के आधार पर किया गया है, जो ल्हासा में मंडला संरचना वाली एकमात्र मौजूद प्राचीन इमारत है। श्या य्वीच्युन ने इस परियोजना के परिवर्तन में भाग लिया।

गत वर्ष अक्तूबर से श्या य्वीच्युन ने सोशल मीडिया पर तिब्बती शैली की इमारत और ल्हासा के इतिहास से संबंधित विषयों को साझा करना शुरु किया। उन्हें अम्मीद है कि उनके साझा करने से अधिक पर्यटक और युवा लोग ल्हासा के इतिहास, यहां के पहाड़ों, नदियों और झीलों के अलावा तिब्बत के सांस्कृतिक परिदृश्य के बारे में ज्यादा जानकारी ले पाएंगे।

उन्होंने कहा कि ल्हासा का इतिहास एक हज़ार से अधिक वर्ष पुराना है, जहां प्रचुर लोक कथाएं, कला, संस्कृति व संगीत आदि उपलब्ध हैं। आशा है कि लोग ल्हासा की पारंपरिक इमारतों की संस्कृति, कलात्मक संस्कृति को और अच्छी तरह जानने के लिए यहां आएंगे, न कि फोटो खींचने के बाद यहां से चले जाएंगे। उन्हें उम्मीद है कि उनकी जैसी उम्र वाले अधिक लोग ल्हासा में प्राचीन इमारतों की मरम्मत, संरक्षण, और पुन: उपयोग आदि पर ध्यान देंगे।

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