तिब्बत में नई श्रम शक्ति के लिए शिक्षा के वर्षों की औसत संख्या 13.1 वर्ष तक पहुंची
इस वर्ष तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति की 70वीं वर्षगांठ है। पिछले 70 सालों में तिब्बत ने आधुनिक शिक्षा प्रणाली को संपूर्ण करने, सार्वजनिक रूप से 15 साल की वित्त पोषित शिक्षा नीति लागू करने जैसे कदम उठाए, जिससे तिब्बत में निरक्षरता दर में काफी गिरावट आई है, और प्रति व्यक्ति शिक्षा के वर्षों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
चीन में पारित “तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति और समृद्ध विकास”शीर्षक श्वेत पत्र से पता चला है कि वर्तमान में तिब्बत में नई श्रम शक्ति के लिए शिक्षा के वर्षों की औसत संख्या 13.1 वर्ष तक पहुंच गई है।
बता दें कि पुराने तिब्बत में शिक्षा हासिल करने वाले ज्यादातर कुलीन परिवार के बच्चे थे, उस दौर में वहां की कुल आबादी के 95 प्रतिशत भू-दासों के पास शिक्षा पाने का अधिकार नहीं था, प्राचीन तिब्बत में युवा और मध्यम आयु वर्ग के वयस्कों में निरक्षरता दर 95 प्रतिशत तक थी।
तिब्बत में शिक्षा के पिछड़ेपन को बदलने के लिए सन् 1951 से 2020 तक, राष्ट्र ने शिक्षा के लिए कुल 2 खरब 23 अरब 96 करोड़ 50 लाख युआन का निवेश किया, जिससे तिब्बत में पूर्वस्कूली शिक्षा, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, सतत शिक्षा और विशेष शिक्षा को शामिल करते हुए एक आधुनिक शिक्षा प्रणाली की स्थापना को बढ़ावा दिया गया। और इसके साथ ही प्री-स्कूल से हाई स्कूल तक 15 साल की मुफ्त शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है, और प्री-स्कूल से हाई स्कूल तक की 15 साल की "तीन मुफ्त"(भोजन, आवास और बुनियादी पढ़ाई खर्च सहित) नीति भी लागू की जाती है। जिससे ग्रामीण और पशुपालन क्षेत्रों में कई छात्रों और वंचित शहरी परिवारों के छात्रों का भाग्य बदल चुका है।
आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में तिब्बत में विभिन्न स्तरीय स्कूलों की संख्या 3,195 है, जिनमें 7 सामान्य कॉलेज और विश्वविद्यालय, 12 माध्यमिक व्यावसायिक विद्यालय, 143 मिडिल स्कूल और 827 प्राइमरी स्कूल हैं। तीन वर्षीय प्री-स्कूलों में दाखिला दर 87 प्रतिशत है, जबकि प्राइमरी स्कूलों में दाखिला दर 99.93 प्रतिशत है। वहीं मिडिल स्कूल, हाई स्कूल और उच्च स्तरीय शिक्षा में दाखिला दर क्रमशः 106.99 प्रतिशत, 90.2 प्रतिशत, और 56.14 प्रतिशत है। काउंटी स्तरीय अनिवार्य शिक्षा का आम संतुलित विकास साकार हो चुका है, अनिवार्य शिक्षा की स्थिर दर 95.03 प्रतिशत तक पहुंच गई है।