अगर अमेरिका यूक्रेन के लोगों की सच्ची परवाह करता है, तो वह शांति बहाल करे न कि हथियार बांटे
अमेरिका स्थित चीनी राजदूत छिंग कांग ने 20 मार्च को अमेरिकी सीबीएस से साक्षात्कार में अमेरिका और पश्चिम द्वारा यूक्रेन मुद्दे का इस्तेमाल करते हुए चीन को बदनाम करने का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह दावा झूठा है कि चीन ने रूस को सैन्य सहायता प्रदान की, और हम इसका विरोध करते हैं।
बाहरी दुनिया ने देखा है कि रूस-यूक्रेन सैन्य संघर्ष फैलने से पहले और बाद में कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों और मीडिया ने चीन के खिलाफ फर्जी खबरें फैलायीं। उनमें से कुछ अफवाहें थीं कि चीन ने संभवतः रूस को सैन्य सहायता प्रदान की। इस तरह अमेरिका ने चीन पर कीचड़ उछालने की पूरी कोशिश की है। और कुछ पश्चिमी देशों ने भी इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। अमेरिकी अधिकारियों ने इसके आधार पर चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अमेरिका के आधिपत्य का उपयोग करते हुए "बिना मसौदा तैयार किए झूठ बोलने" की इस तरह की कार्रवाई से अपरिचित नहीं है। 19 साल पहले अमेरिका ने दुनिया को धोखा दिया और इराक पर आक्रमण किया, जो अभी भी हमारे दिमाग में ज्वलंत है। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का प्रसिद्ध वाक्य है कि "हम धोखा देते हैं, हम झूठ बोलते हैं, और हम चोरी करते हैं"। इस बार यूक्रेन मुद्दे का इस्तेमाल करते हुए चीन के खिलाफ झूठी खबर गढ़ना "झूठ के साम्राज्य" का पुराना हथकंडा है, जिसका लक्ष्य चीन को बदनाम करना, चीन-रूस संबंधों नुकसान पहुंचाना और संघर्षों को बाहरी दुनिया में स्थानांतरित करना है।
यूक्रेन संकट भड़कने के बाद से चीन हमेशा शांति और वार्ता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है और यूक्रेन में मानवीय संकट को रोकने के लिए छह सूत्री प्रस्ताव पेश किया। वर्तमान में, चीन ने किसी भी पक्ष को हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराने के बजाय यूक्रेन को मानवीय सहायता के कई बैच प्रदान किए हैं और स्थानीय लोगों को भोजन, दवा, स्लीपिंग बैग, बेबी मिल्क पाउडर आदि भेजे। चीन ने स्थिति के अनुसार यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखने की इच्छा भी व्यक्त की।
अमेरिका को देख लें, उसने रूस के खिलाफ व्यापक प्रतिबंध लगाने के लिए पश्चिमी देशों को लगातार इकट्ठा किया है और संकट को बढ़ाते हुए यूक्रेन को बड़ी मात्रा में सैन्य सहायता प्रदान की है। 16 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन के अनुसार अमेरिकी रक्षा मंत्रालय यूक्रेन को 80 करोड़ अमेरिकी डॉलर की हथियार सहायता प्रदान करेगा, जिसमें बड़ी मात्रा में आक्रामक हथियार शामिल हैं।
एक ओर, शांति कायम करना और मानवीय सहायता प्रदान करना है और दूसरी ओर, लगातार सैन्य सहायता प्रदान करना और एकतरफा प्रतिबंधों को बढ़ाना है। अमेरिका और चीन के बीच कौन टकराव को भड़का रहा है और कौन शांति बनाए रख रहा है, इस पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को खुद निर्णय लेना चाहिए।