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अमेरिका जीवन की उपेक्षा करने वाला झूठा मानवाधिकार संरक्षक है

cri2022-04-14 19:15:20

रायटर्स न्यूज एजेंसी ने 12 अप्रैल को एक आलेख में अमेरिका सरकार से पूछा कि इस मार्च में अमेरिका ने यूक्रेन के सिर्फ 12 शरणार्थी क्यों स्वीकार किये ।उस दिन यूएन शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) ने बताया कि रूस यूक्रेन युद्ध पैदा होने के बाद 46 लाख 50 हजार यूक्रेनी नागिरक दूसरे देशों में भाग चुके हैं ।

यूक्रेन के लाखों शरणार्थी महज अमेरिका द्वारा विश्व भर में प्रभुत्ववाद लागू करने के नये शिकार हैं ।दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिका ने कई युद्ध छेड़े ,जिससे न सिर्फ बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हुयी ,बल्कि करोड़ों लोग शरणार्थी बने। इसके अलावा संबंधित देशों व क्षेत्रों के आर्थिक विकास और सामाजिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ा ।

अपने देश के अंदर अमेरिका के मानवाधिकार का रिकार्ड भी खराब है ।ध्यान रहे कि विकसित देशों में अमेरिका एकमात्र देश है ,जो मुख्य अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समझौतों पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहता ।मसलन अब तक अमेरिका ने आर्थिक ,सामाजिक व सांस्कृतिक अधिकार अंतरराष्ट्रीय समझौते और दिव्यांगों के मानवाधिकार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।

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