आइए, चीनी उपग्रहों को एक साथ गिनें
"डोंगफैंगहोंग", "बीडौ", "छांग-अ", "वुकोंग", “माइकियस”, "क्यूछाओ", “फेंग्युन” और "गाओफ़ेन" आदि चीनी कृत्रिम उपग्रह के नाम परिवार व देश की भावनाओं और सांस्कृतिक आत्मविश्वास में निहित हैं। इनमें न केवल हजारों साल की चीनी सभ्यता शामिल है, बल्कि चीनी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के वैज्ञानिक रोमांस को भी व्यक्त करता है।
वर्ष 1970 में चीन के पहले कृत्रिम उपग्रह को "डोंगफैंगहोंग" का नाम दिया गया था। इसके कारण न केवल यह उपग्रह में गीत "डोंगफैंगहोंग (द ईस्ट इज रेड)" के प्रदर्शन का अनुकरण करने वाला एक संगीत वाद्ययंत्र स्थापित था और रेडियो तरंगों के माध्यम से इस गीत को पृथ्वी पर वापस लौटा गया था, बल्कि इस गीत का नाम उस युग में चीनी लोगों की आशाओं का प्रतीक था।
वर्ष 2000 31 अक्तूबर को चीन के पहला "बीडौ -1" प्रायोगिक नेविगेशन उपग्रह को अंतरिक्ष में सफलता रूप से भेजा गया। चीन का बीडौ उपग्रह नेविगेशन प्रणाली (बीडीएस) चीन द्वारा विकसित एक वैश्विक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है और दुनिया भर जीपीएस व ग्लोनास के बाद तीसरी परिपक्व उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है।
पुराने चीन में जब रात में लोग अपना रास्ता नहीं खोज पाते थे, तो वे आकाश में चम्मच की तरह बीडौ सात सितारों यानी बिग डिपर की तलाश करते थे। बीडौ सात सितारों की खोज करने के बाद वे हमेशा उत्तर दिशा में रखने वाला सितारा पोलरिस पा सकते थे और दिशात्मक नेविगेशन का एहसास करते थे। चीन की उपग्रह नेविगेशन प्रणाली को बीडौ के नाम पर किया जाना चीन के लंबे इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करता है।
वर्ष 2007 में, चीन के पहले चंद्रमा की परिक्रमा करने वाले उपग्रह "छांग-अ" का जन्म हुआ। यह चीन के एयरोस्पेस उद्योग में महान प्रगति का संकेत है। पिछले हजारों वर्षों से चीन में यह रोमांटिक मिथक "देवी छांग-आ की चांद पर उड़ान" पारित हुआ है, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चंद्रमा पर चीनी राष्ट्र की अनंत लालसा और श्रद्धा का प्रतीक है। इससे यह भी पता चलता है कि चांद की खोज के बीच चीन की सपना कभी नहीं रुका। चंद्रमा की परिक्रमा करने वाले उपग्रह का इतना सुंदर और रोमांटिक नाम इस धारणा को चकनाचूर कर देता है कि आम लोगों के आंखों में एयरोस्पेस तकनीक गूढ़ है।
वर्ष 2015 चीन के पहले डार्क मैटर पार्टिकल डिटेक्शन उपग्रह "वुकोंग" को अंतरिक्ष में सफलता रूप से भेजा गया। चीनी भाषा में “वु” का मतलब समझ है, जबकि "वुकोंग" का मतलब अंतरिक्ष को समझें और तलाश है। साथ ही "वुकोंग" भी चीनी शास्त्रीय उपन्यासद "पश्चिम की तीर्थ यात्रा (जर्नी टू द वेस्ट)" में से नायक मंकी किंग का नाम भी है, जो तेज़ आंखोंवाला हैं और चौकस निगाहों से सब कुछ ले सकते हैं। वर्तमान तक उपग्रह "वुकोंग" सबसे व्यापक अवलोकन ऊर्जा रेंज और सर्वोत्तम ऊर्जा संकल्प के साथ डार्क मैटर पार्टिकल डिटेक्शन उपग्रह है, जो दुनिया भर में सभी समान डिटेक्टरों से और उत्कृष्ट है।
वर्ष 2016 15 अगस्त को दुनिया के पहले क्वांटम विज्ञान प्रयोग उपग्रह का नाम पहली बार सामने आया था, जिसका नाम “माइकियस क्वांटम प्रयोग विज्ञान उपग्रह” है। चीन के क्वांटम विज्ञान प्रयोग उपग्रह के मुख्य वैज्ञानिक और चीनी विज्ञान अकादमी के शिक्षाविद् पान च्यानवेई ने कहा कि इस उपग्रह का नाम प्राचीन चीनी वैज्ञानिक माइकियस से लिया गया है, जो न केवल उपग्रह के अर्थ से मेल खाता है, बल्कि चीन के सांस्कृतिक आत्मविश्वास को भी दर्शाता है।
वर्ष 2018 24 अप्रैल को "छांग-अ नंबर 4" डिटेक्टर के लिए पृथ्वी-चंद्रमा संचार सहायता प्रदान करने वाले रिले उपग्रह को आधिकारिक तौर पर "क्यूछाओ (मैग्पाई ब्रिज)" के नाम पर दिया गया था। चीनी पारंपरिक कथाओं में क्यूछाओ यानी मैगपाई के पुल से बुनकर चीनी चंद्र कैलेंडर के अनुसार हर 7 जुलाई को देवी वेगा और उनके पति एक दूसरे से मिलने के लिए पार करती है। यह रिले उपग्रह "क्यूछाओ", जिसमें "मैगपाई ब्रिज के जरिए एक दुसरे से मिलना" का रोमांटिक निहितार्थ है, पृथ्वी और उपग्रह "छांग-अ नंबर 4" के बीच संचार के लिए "स्पेस मैगपाई ब्रिज" बना है। वर्ष 2019 3 जनवरी को उपग्रह "छांग-अ नंबर 4" ने रिले उपग्रह "क्यूछाओ" के माध्यम से चंद्रमा की पीठ के बारे में दुनिया की पहली क्लोज-अप छवि संचारित की। इससे चंद्रमा की पीठ का रहस्य के बारे में पता चल गया था।
फेंग्युन मौसम विज्ञान उपग्रह भूस्थिर कक्षा मौसम विज्ञान उपग्रह “फेंग्युन-2” व “फेंग्युन-4” और ध्रुवीय परिक्रमा मौसम उपग्रह “फेंग्युन-1” व “फेंग्युन-3” शामिल हैं। 7 सितंबर, 1988 को चीन के ताइयुआन उपग्रह लॉन्च केंद्र में एक प्रयोगात्मक मौसम उपग्रह "फेंग्युन-1 ए" को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है। चीनी भाषा में "फेंग्युन" का मतलब न केवल हवा और बादल है, बल्कि एक तूफानी या अस्थिर स्थिति है। उपग्रह “फेंग्युन-1” चीन द्वारा विकसित पहली पीढ़ी का अर्ध-ध्रुवीय सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा मौसम संबंधी उपग्रह है। इस उपग्रह के माध्यम से चीन में आपदा निवारण व शमन, जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय आर्थिक निर्माण में घरेलू मौसम संबंधी उपग्रहों का उपयोग करना शुरू हुआ।
26 अप्रैल, 2013 को गाओफ़ेन-1 उपग्रह को च्युक्युआन उपग्रह लॉन्च केंद्र में प्रक्षेपित होने के बाद कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया। यह उपग्रह दो 2एम रिज़ॉल्यूशन वाले पंचक्रोमैटिक/ 8एम रिज़ॉल्यूशन वाले मल्टीस्पेक्ट्रल कैमरों और चार 16एम रिज़ॉल्यूशन वाले मल्टीस्पेक्ट्रल कैमरों से लैस है। गाओफ़ेन-1 उपग्रह चीनी राष्ट्रीय उच्च-विभेदन पृथ्वी अवलोकन प्रणाली का पहला उपग्रह है। इस प्रणाली में अंतरिक्ष-आधारित अवलोकन प्रणाली, निकट अंतरिक्ष अवलोकन प्रणाली, हवाई अवलोकन प्रणाली, जमीनी प्रणाली और अनुप्रयोग प्रणाली आदि शामिल हैं। इस प्रणाली के माध्यम से चीन में एक सभी मौसम में, पूरे दिन, वैश्विक कवरेज पृथ्वी अवलोकन क्षमता बन सकेगी।