वैज्ञानिकों की भावना से मजबूत तकनीकी देश बनाएं
प्रौद्योगिकी शीतकालीन ओलंपिक के सफल आयोजन से सुपर कंप्यूटर के प्रयोग तक, शनचो नंबर 13 समानव अंतरिक्ष यान और थ्येनह कोर केबिन के साथ सफल डॉकिंग से चीन द्वारा निर्मित कोरोना टीकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन की मान्यता मिलने तक सभी तकनीकी सफलता चीनी वैज्ञानिकों के प्रयास का परिणाम है।
व्यापक विज्ञान और प्रौद्योगिकी कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने के लिए चीनी राज्य परिषद ने वर्ष 2017 में हर 30 मई को राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी श्रमिक दिवस निर्धारित किया। उद्देश्य है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी कर्मचारी देश को मजबूत तकनीकी देश बनाने में योगदान करें। इस साल 30 मई को छठा राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी श्रमिक दिवस है।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 28 मई 2021 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी संघ के सम्मेलन में कहा था कि तथ्यों से साबित हुआ है कि चीन में नवाचार कार्य की विशाल संभावना है, वैज्ञानिक कर्मचारी व्यापक उपलब्धियां प्राप्त कर सकते हैं।
चीन के वैज्ञानिक कार्य में हासिल उल्लेखनीय प्रगति पीढ़ी दर पीढ़ी वैज्ञानिकों के कठिन प्रयास का परिणाम है। संकर चावल के जनक के नाम से प्रसिद्ध वैज्ञानिक युआन लोंगफिंग ने 23 साल की उम्र में शपथ ली थी कि अनाज उत्पादन में वृद्धि की समस्या का समाधान करेंगे, ताकि लोग भूखे न रहें। लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उन्होंने पूरी जिंदगी में अनुसंधान किया। उनके नेतृत्व में चीन में संकर चावल का उत्पादन दशकों से दुनिया के अग्रणी स्थान पर रहा। 1.4 अरब चीनी लोगों के खाने की समस्या दूर हो गई।
चीन में कई महिला वैज्ञानिक भी हैं। पारंपरिक चीनी चिकित्सा संस्थान की वरिष्ठ शोधकर्ता थू योयो कई सालों से चीनी और पश्चिमी दवाओं के मिश्रण का अध्ययन करती रही हैं। वर्ष 1972 में उन्होंने आर्टीमिसिनिन का पता लगाया, जो मलेरिया की रोकथाम में कारगर है। आर्टीमिसिनिन पर आधारित संयोजन चिकित्सा अब तक मलेरिया के इलाज में सबसे अच्छा उपाय माना जाता है, जिससे दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाई गई। अक्तूबर 2015 में थू योयो को फिजियोलॉजी या मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार मिला, जो विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम चीनी नागरिक हैं।