सीजीटीएन सर्वेः 80 प्रतिशत से अधिक लोगों ने जापान की नयी इतिहास पाठ्यपुस्तक में इतिहास से छेड़खानी करने की निंदा की
जापान सरकार ने जो नये संस्करण की इतिहास पाठ्यपुस्तक की मंजूरी दी ,उसने जानबूझ कर युद्ध में जापानी सेना की बर्बर कार्रवाइयों को नजरअंदाज करने की कोशिश की ।इससे कई एशियाई देशों की जनता में ज़बरदस्त असंतोष पैदा हुआ है ।चाइना मीडिया ग्रुप की सीजीटीएन से वैश्विक नेटिजनों के बीच आयोजित एक सर्वे से ज़ाहिर है कि 82.45 प्रतिशत लोगों ने जापान सरकार के अतिक्रमण इतिहास के प्रति रूख और कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की ।
सूत्रों के अनुसार जापान की नयी इतिहास पाठ्यपुस्तक में तथ्यों के प्रतिकूल कई विषय शामिल हैं ,जिनमें उपनिवेश शासन में महिला सेक्स गुलामी से इंकार करना शामिल है ।विश्व में इस सर्वे में भाग लेने वाले 95.35 प्रतिशत लोगों ने इसका जबरदस्त विरोध जताया और जापान सरकार से बुनियादी ऐतिसाहिक तथ्यों का सम्मान करने की अपील की ।
उधर सर्वे में 91.82 प्रतिशत भागीदारों का विचार है कि इतिहास में दूसरे देशों पर आक्रमण करने वाले देश के नाते जापान को इतिहास की पाठ्यपुस्तक पर सावधानी बरतनी चाहिए ।90.26 प्रतिशत भागीदारों के विचार में जापान सरकार को मजबूरन महिला सेक्स वर्कर भर्ती करने और जबरन श्रम सवाल पर माफी मांगनी चाहिए ।
सीजीटीएन के इस सर्वे में 24 घंटे के अंदर ही 7431 नेटिजनों ने भाग लिया है ।
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