चीनी प्रतिनिधि ने संघर्षों में यौन हिंसा पर चीन का रुख बताया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 23 अप्रैल को संघर्षों में यौन हिंसा पर खुली बहस आयोजित हुई, जिसमें यूएन स्थित चीन के स्थाई प्रतिनिधि फ़ू थ्सोंग ने चीन के रुख की व्याख्या की।
फ़ू के अनुसार, चीन युद्ध और आतंकवाद के साधन के रूप में यौन हिंसा के उपयोग का दृढ़ता से विरोध करता है, महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ सभी यौन हिंसा की कड़ी निंदा करता है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रतिक्रिया देने के लिए व्यापक उपाय करने का आह्वान करता है।
उन्होंने कहा कि हमें सभी प्रकार की यौन हिंसा का डटकर मुकाबला करना चाहिए। आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए हरसंभव प्रयास करना चाहिए, और महिलाओं के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना चाहिए।
फ़ू थ्सोंग ने यह भी कहा कि संघर्ष में यौन हिंसा से निपटने के एजेंडे का अंतिम लक्ष्य सिर्फ संघर्षों को यौन हिंसा से मुक्त बनाना नहीं है, बल्कि दुनिया को युद्ध से मुक्त बनाना है। संघर्ष में यौन हिंसा को रोकने का सबसे बुनियादी तरीका युद्ध को रोकना है।
चीनी प्रतिनिधि ने कहा कि चीन संयुक्त रूप से शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अंतर्राष्ट्रीय वातावरण बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर लगातार प्रयास करना चाहता है, ताकि संघर्षों में यौन हिंसा के शीघ्र उन्मूलन और महिलाओं, शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक योगदान दे सके।
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