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चांके से शांगहाई तक, चीन और पेरू समान विकास करेंगे

criPublished: 2024-11-17 20:00:07
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चांके बंदरगाह पेरू की राजधानी लीमा से लगभग 60 किलोमीटर दूर है। निर्माण पूरा होने पर यह लैटिन अमेरिका में एक महत्वपूर्ण हब बंदरगाह बनेगा।

20 सितंबर को चांके बंदरगाह ने पहले मालवाहक जहाज़ का स्वागत किया और पहला वास्तविक कंटेनर जहाज़ लोडिंग व अनलोडिंग ऑपरेशन परीक्षण किया। यह चीन और दक्षिण अमेरिका के बीच ट्रांस-पैसिफिक मार्ग को खोलने में एक महत्वपूर्ण क्षण है।

चीन में पेरू के राजदूत मार्को बालारेज़ो ने कहा कि पेरू पर बेल्ट एंड रोड पहल का प्रभाव चांके बंदरगाह के विकास के माध्यम से प्रदर्शित किया जा सकता है। चांके बंदरगाह ने लैटिन अमेरिका में रसद व समुद्री परिवहन के ढांचे को बदल दिया, जो विकास की कुंजी है।

चांके बंदरगाह परियोजना के पहले चरण में 4 बर्थ का निर्माण करना है, जहां निकट अवधि में प्रति वर्ष 10 लाख टीईयू, 60 लाख टन बल्क कार्गो और 1.6 लाख रो-रो वाहनों की डिज़ाइन थ्रूपुट क्षमता प्राप्त कर सकता है। इतने बड़े थ्रूपुट क्षमता को प्राप्त करने के लिये स्मार्ट हाई-टेक तकनीक की ज़रूरत है, ताकि दुनिया में एक अग्रणी "स्मार्ट बंदरगाह" बन सके।

चांके बंदरगाह परियोजना न केवल "स्मार्ट बंदरगाह" की वकालत करती है, बल्कि निर्माण की शुरुआत में "हरित बंदरगाह" के निर्माण के मूल मिशन को भी लगाया गया है। चांके के आसपास समुद्री क्षेत्रों व आर्द्रभूमियों में जैविक आवासों की संयुक्त रूप से निगरानी व सुरक्षा करने, एक अच्छी कॉर्पोरेट छवि स्थापित करने, मनुष्य व प्रकृति के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का सम्मान करने और परियोजना व समुदायों के बीच अच्छे पड़ोसी को बढ़ाने के लिये स्थानीय जैविक विशेषज्ञों और तीसरे पक्ष के पर्यावरण संरक्षण पर्यवेक्षकों को काम पर रखा गया। साथ ही, चांके बंदरगाह के निर्माण ने पेरू के लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर प्रदान किए हैं।

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