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दक्षिण एशिया में महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देश भारत

criPublished: 2021-12-30 18:34:41
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प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए विश्लेषण में पाया गया कि आर्थिक मंदी के कारण, भारत में मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या (70 से 140 युआन की दैनिक आय वाले) 2020 में 3 करोड़ 20 लाख घटने की उम्मीद है। क्योंकि भारत की जनसंख्या दुनिया की आबादी का लगभग 20 प्रतिशत है, इससे वैश्विक मध्यम वर्ग के लोगों की संख्या भी कम होगी।

2020 में भारत में अधिकांश लोग निम्न-आय वर्ग (14 से 70 युआन की दैनिक आय वाले) में थे। महामारी से पहले, यह अनुमान था कि 2020 में भारत में लगभग 1.2 अरब लोग निम्न-आय वर्ग में होंगे, जो दुनिया की कम आय वाली आबादी का 30 प्रतिशत है। लेकिन महामारी के आने के बाद आर्थिक मंदी के साथ-साथ यह संख्या घटकर 1.16 अरब होने की उम्मीद है। क्योंकि 4 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे पहुंचे हैं।

विश्लेषण में बताया गया है कि महामारी और उसके बाद आने वाली आर्थिक मंदी से भारत में गरीब लोगों की संख्या (14 युआन या उससे कम की दैनिक आय वाले) लगभग 7.5 करोड़ तक बढ़ने की उम्मीद है, जो कि 13.4 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। यह संख्या मंदी से पहले अनुमानित 5.9 करोड़ से अधिक होगी। जिसने वैश्विक गरीब आबादी को सीधे लगभग 60 प्रतिशत की विकास दर पर धकेल दिया। विश्लेषण में बताया गया है कि भारत में गरीबी दर 2020 में बढ़कर 9.7 प्रतिशत हो सकती है, जो जनवरी 2020 में अनुमानित 4.3 प्रतिशत से बहुत अधिक है।

प्यू सेंटर की शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दक्षिण एशिया में महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देश है, चाहे वह जीडीपी के संकुचन की दृष्टि से हो या गरीब लोगों की संख्या में तेज वृद्धि की दृष्टि से।

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