किसानों की स्थिति देखकर लग सकता है लोगों की खुशहाली का अनुमान
चीन में एक कहावत है कि किसानों को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि लोग खुशहाल जीवन जीते हैं या नहीं। इससे जाहिर हुआ है कि चीन सरकार कृषि, ग्रामीण क्षेत्र और किसानों से जुड़े कार्यों पर बड़ा ध्यान देती है। खास तौर पर चीन के नेता शी चिनफिंग ने हर बार ग्रामीण क्षेत्रों का निरीक्षण दौरा करते समय इस पर जोर दिया कि कभी भी कृषि की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, किसानों को नहीं भूलना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसलिये चीन सरकार अविचल रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार को गहन कर रही है, गांवों के विकास को तेज कर रही है, और ग्रामीण क्षेत्रों के सामंजस्य व स्थिरता की रक्षा कर रही है।
वर्तमान में चीनी किसानों की सबसे सहज भावना यह है कि आसपास में रहने वाले बहुत गरीब लोग नहीं हैं। जेब में ज्यादा से ज्यादा पैसे मौजूद हैं। बुवाई, खेती और कटाई मूल रूप से यंत्रीकृत हैं। बिजली, कठोर सड़क और 4जी नेटवर्क मुख्य तौर पर हर गांव में पहुंचते हैं। हर जगह शौचालय मिल सकता है। किसानों के पास चिकित्सा बीमा के अलावा बुजुर्गों को बुनियादी पेंशन बीमा भी है। और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, पर्यटन, ई-कॉमर्स आदि भी तेजी से विकसित हो रहे हैं।
बताया जाता है कि 7 मार्च को भारत व चीन के बीच सांस्कृतिक दूत, चीन के थांग राजवंश के महान भिक्षु ह्वेन त्सांग के निधन का दिन है। गौरतलब है कि ह्वेन त्सांग ने भारत से असली बौद्ध धर्म सीखकर चीन में इसका खूब प्रचार-प्रसार किया। तो क्या भारत भी महान भिक्षु ह्वेन त्सांग की तरह चीन से लाभदायक ज्ञान सीखेगा?
चंद्रिमा