हिन्दी

भूजल की बचत पर ध्यान दें लोग

criPublished: 2022-03-19 19:08:11
Share
Share this with Close
Messenger Pinterest LinkedIn

पानी सभी के लिए जीवन जीने के लिए एक आवश्यकता है। भूजल एक अमूर्त संसाधन है, जिसका प्रभाव हर जगह है। भूजल के बिना कोई जीवन नहीं हो सकता है। दुनिया के अधिकांश शुष्क क्षेत्र भूजल पर पूरी तरह से निर्भर हैं। लोगों के पीने, धोने, सफाई करने, खाद्य उत्पादन और औद्योगिक प्रसंस्करण बनाने के लिये आवश्यक अधिकांश पानी भूजल ही है। भूजल आर्द्रभूमि और नदी आदि पारिस्थितिक तंत्र के कार्यात्मक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण भी है। भूजल के अत्यधिक प्रयोग से भू-अस्थिरता और धंसाव हो सकता है, जबकि तटीय क्षेत्रों में भूजल के अत्यधिक उपयोग से समुद्री जल का जमीन में प्रवेश भी हो सकता है।

पूरी दुनिया में लोगों को भूजल के अति प्रयोग से बचना चाहिए। भूजल का निरंतर ज्यादा इस्तेमाल अंततः संसाधनों की कमी का कारण बन सकता है। अधिक क्षेत्रों में भूजल प्रदूषित बना है और भूजल प्रदूषण नियंत्रण एक लंबी और कठिन प्रक्रिया है। इसीलिए भूजल के उपचार की लागत को बढ़ती है और कभी-कभी यह अनुपयोगी बना है। भूजल की खोज, संरक्षण और सतत उपयोग एक केंद्रीय मुद्दा है, जो मानव के जीवित रहने, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनने और बढ़ती आबादी की मांगों को पूरा करने से संबंधित है।

वर्ष 1993 के बाद से हर 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है। मीठे पानी के संसाधनों के महत्व पर ध्यान देने के लिये संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस की स्थापना की। वर्ष 2022 के विश्व जल दिवस का विषय “भूजल - अदृश्य को दृश्यमान बनाना है, जबकि इस बार के जल दिवस चीन की संबंधित गतिविधियों का विषय “भूजल के अत्यधिक दोहन के व्यापक प्रबंधन को बढ़ाना और नदियों व झीलों के पारिस्थितिक पर्यावरण में सुधार करना” है।

वर्ष 2022 में चीन चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग द्वारा प्रस्तावित “जल बचत प्राथमिकता, स्थानिक संतुलन, व्यवस्थित शासन और दोतरफा प्रयास” के विचार को आगे लागू करेगा। साथ ही चीन भूजल के अत्यधिक दोहन के व्यापक प्रबंधन को बढ़ाएगा औक नदियों व झीलों के पारिस्थितिक पर्यावरण में सुधार करेगा। चीन जल-बचत प्रणालियों व नीतियों की स्थापना एवं सुधार करेगा और जल संसाधनों का गहन संरक्षण और उपयोग की क्षमता को बढ़ाएगा। चीन में मृदा व जल संरक्षण कानून को पूरी तरह से लागू किया जाएगा और मृदा अपरदन की व्यापक रोकथाम और नियंत्रण को बढ़ाया जाएगा। जल संसाधनों के आवंटन को अनुकूलित करने की क्षमता में सुधार करने के लिये चीन में प्रमुख राष्ट्रीय जल नेटवर्क परियोजनाओं को आगे लागू किया जाएगा। इसके अलावा चीन में सूखा, बाढ़, हिमपात और ठंढ आदि आपदाओं की पूर्व चेतावनी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत किया जाएगा। चीन में ग्रामीण जलापूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये चीनी ग्रामीण जलापूर्ति के सुरक्षा स्तर में सुधार किया जाएगा।

अभी भी दुनिया भर में 2.2 अरब लोगों को सुरक्षित पेयजल मूहैया नहीं हो पाता है। वैश्विक जल संकट से संयुक्त रूप से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को उपयोगी कदम जल्दी से उठाने चाहिए। दुनिया के एकजुट रूप से काम करने पर ही संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों में से यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है कि वर्ष 2030 तक सभी लोग पानी और स्वच्छता प्राप्त कर सकें।

Share this story on

Messenger Pinterest LinkedIn