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नाटो को शीतयुद्ध की मानसिकता त्याग करनी चाहिए : चीन

criPublished: 2022-03-25 14:47:13
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यूरोपीय संघ स्थित चीनी प्रतिनिधि मंडल के प्रवक्ता ने 24 मार्च को नाटो शिखर सम्मेलन के बयान में चीन के खिलाफ निराधार आरोपों और संदेहों पर टिप्पणी की।

प्रवक्ता ने कहा कि हमने नाटो और उसके नेताओं के बयानों पर ध्यान दिया है। संबंधित बयानों में चीन के खिलाफ निराधार आरोप और संदेह किया गया है और चीन पर जबरदस्ती और दबाव डाला गया है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं। चीन को नाटो को याद दिलाने की आवश्यकता है कि चीन के सुसंगत रवैया को पूरी तरह और सटीक रूप से समझा जाए। चीन हमेशा सभी देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता और प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का पालन करने की वकालत करता है। यूक्रेन संकट छिड़ने के बाद से चीन वस्तुगत व निष्पक्षतापूर्ण रवैये के साथ शांति वार्ता और युद्धविराम व युद्ध की समाप्ति को बढ़ाने और बड़े पैमाने पर मानवीय संकटों को रोकने में रचनात्मक भूमिका निभाती है। समय साबित करेगा कि चीन इतिहास के सही पक्ष में खड़ा होता है। नाटो ने क्या किया है? जिस पर बिना किसी पूर्वाग्रह का कोई भी निष्पक्ष निष्कर्ष पर पहुंचेगा।

प्रवक्ता ने बताया कि, शीतयुद्ध के उत्पादन और दुनिया के सबसे बड़े सैन्य गठबंधन के रूप में नाटो पुरानी सुरक्षा अवधारणा को कायम रखता है, क्षेत्रों का निरंतर विस्तार करता है, और "पुराने शीतयुद्ध" के हथकंडे से गुट टकराव में संलग्न है। हमें अत्यधिक सतर्क रहना और "नए शीतयुद्ध" का विरोध करना चाहिए, जो ऐतिहासिक विकास की प्रवृत्ति के अनुरूप नहीं है और दुनिया के लोगों की आकांक्षाओं के खिलाफ भी है। यह नहीं भूलना चाहिए कि आज से ठीक 23 साल पहले, नाटो के बम यूगोस्लाविया के संघीय गणराज्य (एफआरवाई) पर गिरे थे, जिससे चीनी नागरिक सहित हजारों लोग हताहत हुए और लाखों लोग विस्थापित हुए। इतिहास के सबक को भुलाया नहीं जा सकता। नाटो को खुद पर आत्म विचार करना चाहिए, शीतयुद्ध की मानसिकता को पूरी तरह से त्यागना चाहिए, और सुरक्षा की अविभाज्यता के सिद्धांत के अनुसार वार्ता और बातचीत के माध्यम से एक संतुलित, प्रभावी और निरंतर यूरोपीय सुरक्षा तंत्र का निर्माण करना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक चीन पर झूठी सूचना फैलाने का आरोप लगाने की बात है, तो यह कोई आग में घी डालने का काम कर रहा है, ताकि दुनिया में चारो तरफ अफरातफरी मच जाए। झूठ कभी सच नहीं होता, झूठी जानकारी पर आधारित बयान केवल अधिक झूठे हो सकते हैं।

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