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माल्विनास द्वीप युद्ध की 40वीं वर्षगांठ

criPublished: 2022-04-02 16:43:53
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19वीं शताब्दी से अर्जेंटीना में माल्विनास द्वीप समूह पर ब्रिटेन का कब्जा रहा था। 2 अप्रैल 1982 को, द्वीपों पर संप्रभुता हासिल करने के लिए अर्जेंटीना ने ब्रिटेन के साथ युद्ध लड़ा। युद्ध 74 दिनों तक चला जिसमें ब्रिटेन की जीत हुई।

इस वर्ष 2 अप्रैल को माल्विनास द्वीप युद्ध की 40वीं वर्षगांठ है। युद्ध समाप्त हो चुका है, लेकिन अर्जेंटीना के लोगों के लिए, खास तौर पर युद्ध में भाग लेने वाले वृद्ध सैनिकों के लिए अविस्मरणीय याद है।

रेमन लोपेज

अर्जेंटीना के राष्ट्रीय वयोवृद्ध संघ के अध्यक्ष रेमन लोपेज 59 वर्ष हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनका सबसे यादगार अनुभव 1 मई की रात की लड़ाई थी। उस रात को ब्रिटिश नौ सेना की बमबारी का पैमाना अभूतपूर्व था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

जुआन कार्लोस सूसा

इस संघ के महासचिव, 60 वर्षीय जुआन कार्लोस सूसा ने कहा कि एक बार उन्हें ब्रिटिश युद्धक विमानों से मशीनगनों से गोलीबारी का सामना करना पड़ा, जो अभी तक याद है। उस समय वे लोग मोर्चे की ओर आगे बढ़ रहे थे, उनका ट्रक मशीन गन का शिकार बन गया ।

ओस्वाल्डो एगुइरे

माल्विनास द्वीप युद्ध के सेवानिवृत्ति सैनिक, 66 वर्षीय ओस्वाल्डो एगुइरे ने याद करते हुए कहा कि युद्ध के अंत में वह ब्रिटेन के युद्ध कैदी बन गए। कैद रहने के 30 दिनों तक वह बहुत खराब स्थिति में रहे, खाना न के बराबर था। हर16 घंटे में एक बार कुछ खाने को मिलता था। शौचालय नहीं जा सकता था और नहाना भी नहीं होता था।

रेमन लोपेज ने कहा कि अर्जेंटीना के सभी लोगों को, ब्रिटेन जैसे हमलावर के सामने बहुत निराशा हुई, जिसने उन पर कई बार आक्रमण किया। वास्तव में इतिहास में ब्रिटेन ने कई बार अर्जेंटीना पर आक्रमण किया। अभी वह माल्विनास द्वीप समूह का नियंत्रण कर रहा है। अर्जेंटीना के लोग माल्विनास द्वीप समूह पर अपनी प्रभुसत्ता हासिल करने के लिए करीब 190 से अधिक वर्ष तक प्रयास करते रहे हैं। वर्तमान में माल्विनास द्वीप समूह ब्रिटेन के वास्तविक नियंत्रण में है, जहां का दौरा करने के लिए अर्जेंटीना के नागरिकों को विदेश जाने के समान पासपोर्ट का इस्तेमाल करना होता है।

रेमन लोपेज ने कहा कि आज अर्जेंटीना सरकार शांतिपूर्ण तरीके से माल्विनास द्वीप समूह की संप्रभुता हासिल करना चाहती है, लेकिन ब्रिटेन अभी भी इस संदर्भ में बातचीत करने से इनकार करता है।

जुआन कार्लोस सूसा ने कहा कि माल्विनास द्वीप युद्ध ने लातिन अमेरिका को भारी नुकसान पहुंचाया। उन साम्राज्यवादी देशों द्वारा अपनाए जा रहे आधिपत्य को अन्य देशों के लोगों और संप्रभुता की बिल्कुल भी परवाह नहीं है। वे इस बात की परवाह करते हैं कि वह महत्वपूर्ण भूमि को जीतने या कब्जा करने में सक्षम हैं।

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