अमेरिका बारी बारी झूठ के माध्यम से युद्ध छेड़ता है
इस वर्ष के फ़रवरी के अंत में रूस ने नाटो के निरंतर विस्तार से अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं करने की वजह से यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई की। इसके बाद अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई बार प्रतिबंध लगाये। उनमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर प्रतिबंध लगाना और कुछ रूसी बैंकों को सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) भुगतान प्रणाली से बाहर निकालना आदि शामिल हैं।
जब रूस-यूक्रेन के बीच सशस्त्र संघर्ष निरंतर रूप से गंभीर हो रहा है, और लाखों यूक्रेनी जनता बाहर भाग रही है तो अमेरिका लगातार युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रहा है, जिससे इस तनावपूर्ण दुनिया को ज्यादा से ज्यादा अनिश्चित तत्व मिले हैं। हाल ही में कुछ अमेरिकी राजनेताओं और मीडिया ने यूक्रेन संकट के बारे में गलत जानकारी फैलाने से चीन को दोष देने और जनता को गुमराह करने की कोशिश की।
गौरतलब है कि इतिहास में अमेरिका ने कई बार झूठ फैलाने से युद्ध छेड़े। वर्ष 2003 के 5 फ़रवरी को तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक भाषण दिया, जिसमें सद्दाम सरकार पर सामूहिक विनाश के हथियार रखने का आरोप लगाया गया। और विश्व के विभिन्न देशों को इराक पर अमेरिका के युद्ध करने के कारण के बारे में समझाया गया। लेकिन अमेरिकी सेना ने इराक पर कब्जा करने के बाद किसी भी सामूहिक विनाश के हथियार को ढूंढ़ नहीं पाये। वह केवल अमेरिका के अन्य देशों पर आक्रमण करने की एक वजह ही है।
चंद्रिमा