कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के लिए अमेरिका और भारत ने "2+2" वार्ता की
अमेरिका और भारत ने 11 अप्रैल को वाशिंगटन में "2+2" संवाद आयोजित किया, जिसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया। संवाद में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग गहराने का वादा किया गया और यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की। उस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने एक दूसरे के साथ वीडियो वार्ता की।
उसी दिन व्हाइट हाउस द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बाइडेन और मोदी ने अमेरिका और भारत के बीच स्वच्छ ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और सैन्य क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने, दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने तथा द्विपक्षीय मानविकी आदान-प्रदान का विस्तार करने का संकल्प लिया। दोनों देश कोविड-19 महामारी को समाप्त करने, वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा को बढ़ाने, वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्वतंत्रता और खुलेपन को सुनिश्चित करने के लिए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ब्यान के अनुसार, दोनों देशों के नेताओं ने यूक्रेन स्थिति पर भी चर्चा की। उनका मनाना है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष ने कई क्षेत्रों में अस्थिरता पैदा की है, विशेष रूप से वैश्विक खाद्य आपूर्ति बाधित हुई है।
उधर, अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने उस दिन रात को बयान जारी कर "2+2" संवाद के परिणाम का परिचय दिया। बयान में कहा गया कि अमेरिका और भारत रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और मानविकी आदान-प्रदान के क्षेत्र में नए और गहन सहयोग का संचालन करेंगे। रूस-यूक्रेन संघर्ष के पहलू में दोनों देश मानवीय सहायता आदि क्षेत्रों में घनिष्ठ समन्वय जारी रखेंगे।
बयान में यह भी कहा गया है कि अमेरिका और भारत अंतरिक्ष और साइबर स्पेस में सहयोग मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और संबंधित सहयोग व संवाद तंत्र स्थापित किया जा चुका है।
बता दें कि अमेरिका और भारत के बीच "2+2" संवाद तंत्र की शुरुआत और स्थापना पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। पहला संवाद सितंबर 2018 में भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित हुआ था।