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रूस-यूक्रेन मुठभेड़ से यूरोप में मंदी और बढ़ेगी

criPublished: 2022-04-14 16:48:23
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ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शोधकर्ता मार्टिन जाक ने 11 अप्रैल को सीएमजी के साथ साक्षात्कार में कहा कि यूक्रेन में वर्तमान स्थिति अमेरिका द्वारा शीत युद्ध की विचारधारा पर कायम रहते हुए नाटो का विस्तार करने का बुरा फल है। रूस-यूक्रेन मुठभेड़ से यूरोप में मंदी और बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद भौगोलिक स्थिति का नया ढांचा आया। इस पर पश्चिमी देशों का रवैया, विशेषकर रूस पर अमेरिका का रवैया बहुत अहम है। लेकिन अमेरिका शीत युद्ध की विचारधारा पर कायम है और क्षेत्रीय सुरक्षा के बारे में बिलकुल नहीं सोचता। यह रूस-यूक्रेन मुठभेड़ का स्रोत है।

मार्टिन जाक ने कहा कि शीत युद्ध के बाद अमेरिका अपने हितों के अनुसार यूरोप के साथ संबंधों के विकास पर नियंत्रण करता है। अमेरिका पूर्व सहयोगियों को धमकाता है, जिससे ट्रान्साटलांटिक साझेदारी अस्तित्व के दायरे में आया। रूस-यूक्रेन मुठभेड़ में अमेरिका चाहता है कि रूस कमजोर होगा और साथ में यूरोप मुठभेड़ में फंस जाएगा, ताकि अमेरिका पर निर्भरता बढ़े। इसलिए अमेरिका ने न सिर्फ यूक्रेन, बल्कि पूरे यूरोप को अमेरिका-रूस मुकाबले में आगे बढ़ाया।

उन्होंने कहा कि वैश्विक और दीर्घकालीन दृष्टि से देखा जाए, तो रूस-यूक्रेन मुठभेड़ एक और यूरोपीय गृहयुद्ध है। इसका अंतिम परिणाम यूरोप में मंदी की प्रक्रिया को तेज करेगा।

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