अमेरिका का तमाशा निराशाजनक तरीके से समाप्त हो गया
अमेरिका द्वारा आयोजित तथाकथित “लोकतंत्र शिखर सम्मेलन” 10 दिसंबर को निराशाजनक तरीके से समाप्त हो गया है। हांगकांग में अराजकता फैलाने वाले संदिग्ध अपराधी लुओ क्वानथ्सोंग, थाईवान के आधिकारिक प्रतिनिधि थांग फ़ङ जैसे लोगों का सम्मेलन में विदूषक जैसा प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हंसी-मजाक की बात बन गयी है। तथाकथित “लोकतंत्र शिखर सम्मेलन” केवल लोकतंत्र के नाम से लोकतंत्र का विरोध करने, विभाजन और टकराव को भड़काने और अमेरिका के आधिपत्य बनाए रखने वाला राजनीतिक तमाशा है, कोई भी इसे गंभीरता से नहीं लेगा। इसकी विफलता एक अपरिहार्य परिणाम है।
तथाकथित "लोकतंत्र शिखर सम्मेलन" लोकतंत्र को पैरों तले रौंदता है, तथाकथित "लोकतंत्र योद्धा" वास्तव में अपने पूर्वजों और देश के साथ विश्वासघात करने वाले अपराधी हैं! लुओ क्वानथ्सोंग और थांग फ़ङ जैसे विदूषकों के प्रदर्शन ने पूरी तरह से पर्दाफाश कर दिया कि अमेरिका का तथाकथित "लोकतंत्र शिखर सम्मेलन" निश्चित रूप से सच्चे लोकतंत्र की खोज नहीं है, बल्कि लोकतंत्र को हथियार बनाकर अपने असंतुष्टों को पीटता है, विभाजन को उकसाता है और टकराव पैदा करता है। जैसा कि रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाब्कोव ने कहा कि यदि अमेरिका शिखर सम्मेलन का नाम "विश्व आधिपत्य शिखर सम्मेलन" में बदल देता है, तो यह अधिक ईमानदार और सही होगा।
तथाकथित "लोकतंत्र शिखर सम्मेलन" के अवसर पर अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने चीन में कई व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की। "अमेरिकी लोकतंत्र" ने एक बार फिर आधिपत्य के उसके असली चेहरे का खुलासा किया। हालांकि, चीन तथाकथित प्रतिबंधों से कभी नहीं डरा। अमेरिका की छड़ी विकास में चीन की दृढ़ गति को नहीं रोक सकती।
वर्तमान में दुनिया अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पहले से कहीं अधिक एकता और सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता है। अमेरिका को शीत युद्ध की विचारधारा को छोड़कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हितों में ज्यादा काम करना चाहिए, इतिहास को उलट देना नहीं चाहिए। अन्यथा उसे और अधिक शर्मनाक और विफलता से सामना करना होगा!