क्या जापान वाकई अक्षम्य गलती करने जा रहा है?
नया साल आने वाला है। सारी दुनिया एक और सुन्दर भविष्य की प्रतीक्षा में है। लेकिन जापान सरकार ने हाल ही में फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के परमाणु-दूषित जल को निकालने की योजना घोषित की, वह गलत रास्ते पर अकेले आगे चल रहा है। इससे जापान के भीतर नागरिकों और आसपास के पड़ोसी देशों को चिंता हुई और क्रोध आया, और साथ ही साथ मानव जाति के समान भविष्य के लिए खतरा भी पैदा हुआ।
दस साल पूर्व आए महा भूकंप से फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में परमाणु रिसाव हुआ। इसके बाद परमाणु-दूषित जल का निपटारा जापान के सामने मौजूद बड़ी समस्या रही है। इस वर्ष अप्रैल में जापान सरकार ने औपचारिक तौर पर फुकुशिमा परमाणु ऊर्जा संयंत्र के परमाणु-दूषित जल को समुद्र में छोड़ने का फैसला किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बहुत संदेह और विरोध पैदा हुआ
क्या परमाणु-दूषित जल को समुद्र में छोड़ने का निर्णय उचित है? क्या समुद्र में निर्वहन योजना उचित है? क्या परमाणु-दूषित जल का डेटा विश्वसनीय है? क्या शोधन उपकरण अविश्वसनीय है?... पिछले 8 महीनों में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने जापान के सामने कई चिंताएं व्यक्त कीं, लेकिन जापान अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए दूषित जल को समुद्र में छोड़ने की योजना को लगातार बढ़ावा देता है। वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर गलत निर्णय थोपने का प्रयास कर रहा है और प्रशांत महासागर के किनारे के देशों को जोखिम लेने देना चाहता है। यह स्पष्टतः बेहद गैर-जिम्मेदार, बेहद स्वार्थी और राष्ट्रीय विश्वसनीयता के बिना है!
जापान दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो परमाणु हथियारों की चपेट में था और उसे परमाणु विकिरण और परमाणु खतरों की गहरी समझ है। वर्तमान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा हिरोशिमा से आते हैं, जहां अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था। वे शांति दिखाने के इरादे से "परमाणु-हथियार मुक्त दुनिया" के निर्माण को सख्ती से बढ़ावा देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में परमाणु-दूषित जल को समुद्र में छोड़ने की योजना जापान सरकार का जोर देना अपने मुंह पर तमाचा मारने के समान है।
उल्लेखनीय बात यह है कि वैश्विक आलोचनाओं के बावजूद, अमेरिका ने अपनी सामरिक जरूरतों की वजह से जापान की परमाणु-दूषित जल की निपटान योजना के लिए समर्थन व्यक्त किया है। यह भी जापान द्वारा गलत फैसला किए जाने का एक महत्वपूर्ण बाहरी कारण है।
जापान का फैसला पारिस्थितिक पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। चीन, दक्षिण कोरिया समेत कई देशों ने जापान की एकतरफा योजना का दृढ़ विरोध किया। सुरक्षित निपटान तरीका न होने, संबंधित जानकारी का पूरा खुलासा न करने, पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से पूरी तरह बातचीत न करने, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त न करने की स्थिति में जापान ने एकतरफा तौर पर निर्णय लिया, जो बिलकुल अनुचित है। जापान को शीघ्र ही गलत फैसले को रद्द करना चाहिए, ताकि उससे अक्षम्य गलती न हो और वह ऐतिहासिक पापी न बने।