रिकॉर्ड सैन्य खर्च ने साबित किया कि अमेरिका विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है
अमेरिकी राष्ट्रपति ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2022 के लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार, नए वित्तीय वर्ष में राष्ट्रीय रक्षा खर्च 7 खरब 68 अरब 20 करोड़ डॉलर होगा। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका में सबसे ज्यादा सैन्य खर्च है, और इससे एक बार फिर साबित हुआ है कि अमेरिका विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
वर्तमान में अमेरिकी सरकार का कर्ज अधिक है, देश में कोरोना महामारी की स्थिति गंभीर है, कम आय वाले लोग मुद्रास्फीति से बुरी तरह प्रभावित हैं, लेकिन सरकार धन को सैन्य खर्च पर केंद्रित कर रही है। इससे लोगों की जरूरतों को पूरा करने वाली बुनियादी सेवा को कम किया जाएगा और आम नागरिकों का जीवन दिन-ब-दिन कठिन होगा।
यह ध्यान देने योग्य है कि वित्त वर्ष 2022 में 27.8 अरब डॉलर वाले अमेरिकी रक्षा खर्च का उपयोग परमाणु हथियार परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। वर्तमान में अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत परमाणु शस्त्रागार है, और अब वह परमाणु हथियार विकसित करने के लिए भारी मात्रा में डॉलर का निवेश करेगा। यह निस्संदेह परमाणु हथियारों की दौड़ को तेज करेगा और वैश्विक रणनीतिक स्थिरता को नष्ट करेगा।
इसके अलावा, इस अधिनियम में चीन के खिलाफ़ विषय भी शामिल है, जो कि शीत युद्ध की विचारधारा और वैचारिक पूर्वाग्रह को दिखाता है। तथाकथित "चीन की चुनौतियों का सामना करना" अमेरिका के लिए अपने सैन्य खर्च को बढ़ाने और अपनी सैन्य शक्ति का विस्तार करने के लिए एक आवश्यक बहाना है, जिसमें आधिपत्य प्राप्त करने और चीन का दमन करने का बुरा इरादा शामिल है।
अमेरिकी सैन्य खर्च ने फिर से रिकॉर्ड तोड़ा, जन जीवन से संबंधित परियोजना के कार्यान्वयन को बाधित किया गया है। ऐसा अमेरिका न केवल अमेरिकी लोगों का दुख है, बल्कि विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा भी है।