दुनिया का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र हर किसी को इसके लिए उत्सुक क्यों बनाता है?
साल 2022 के पहले दिन, क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (आरसीईपी) औपचारिक तौर पर लागू हुआ। यह दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले, सबसे बड़े आर्थिक और व्यापार पैमाने और विकास की सबसे अधिक संभावना वाले मुक्त व्यापार क्षेत्र की आधिकारिक लैंडिंग का प्रतीक है। आरसीईपी दुनिया भर में 2.2 अरब लोगों को कवर करता है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 30 प्रतिशत है। प्रभावी होने वाले देशों की पहली खेप में 6 आसियान देश और चीन, जापान, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया 4 देश शामिल हैं। आगामी 1 फरवरी को दक्षिण कोरिया में यह समझौता लागू होगा। अब, "उम्मीदें" आरसीईपी क्षेत्रीय उद्यमों की आम आवाज बनती जा रही है।
आरसीईपी प्रभावी होने के बाद, इस क्षेत्र में 90 प्रतिशत से अधिक माल धीरे-धीरे शून्य टैरिफ प्राप्त करेंगे। इतना ही नहीं, समझौते ने सेवा व्यापार, निवेश, बौद्धिक संपदा, ई-कॉमर्स आदि क्षेत्रों में संबंधित नियम बनाया है और सभी संकेतकों में दुनिया का नेतृत्व करता है। आरसीईपी व्यापक, आधुनिक और उच्च गुणवत्ता वाला आर्थिक व व्यापार समझौता है, जो पूरी तरह से पारस्परिक लाभ का प्रतीक है। आसियान मीडिया ने टिप्पणी करते हुए कहा कि आरसीईपी "क्षेत्रीय आर्थिक बहाली को बढ़ावा देने का इंजन है।" वहीं, संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन का मानना है कि आरसीईपी "वैश्विक व्यापार के नए फोकस को जन्म देगा"।
चीन के लिए आरसीईपी का कार्यान्वयन खुलेपन में "नया मील का पत्थर" है, जिससे बाहरी दुनिया के लिए चीन द्वारा दिया गया खुलेपन बनाए रखने का वचन पूरा हुआ। इस समझौते के लागू होने से चीन संस्थागत खुलेपन की राह पर और आगे बढ़ेगा। इसके साथ ही आरसीईपी चीन के लिए घरेलू व अंतरराष्ट्रीय दोहरे चक्रों को जोड़ने वाला सेतु बन जाएगा। और महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समझौते का प्रभावी होना खुले सहयोग और मुक्त व्यापार के समर्थन के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रबल इच्छा को प्रदर्शित करता है, जो कि बहुपक्षवाद और संरक्षणवाद के बीच की लड़ाई में एक जीत है।