साल 2022 में चीन के विज्ञान, तकनीक से क्या उम्मीदें हैं?
साल 2022 में, चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को अंतरिक्ष स्टेशन, सुपर कंप्यूटर, कम कार्बन प्रौद्योगिकी आदि से उन्नत और परिभाषित किया जाएगा।
दरअसल, इस साल चीनी अंतरिक्ष यात्री अपने "एकल-कक्ष स्टूडियो" को "पेंटहाउस" में विस्तारित होते हुए देखेंगे। वनथ्येन और मंगथ्येन लैब मॉड्यूल, दो कार्गो अंतरिक्ष यान और दो चालक दल वाले अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के बाद, चीन का नया अंतरिक्ष स्टेशन बनता हुआ नजर आएगा।
इसके अलावा, खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष जीवन विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण, बुनियादी भौतिकी और अंतरिक्ष सामग्री जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए एक दर्जन से अधिक प्रयोग रैक और एक अतिरिक्त प्रयोग मंच स्थापित किया जाएगा। चीन इस संबंध में वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने की उम्मीद कर रहा है।
वहीं, चीन का पहला सौर अन्वेषण उपग्रह, जिसे पिछले साल अक्टूबर में अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था, सौर ज्वालाओं संबंधी डेटा को वापस पृथ्वी पर भेज रहा है। यकीनन, यह सूर्य के बारे में हमारी समझ को गहरा करने में मदद कर सकता है।
आगे दक्षिण-पश्चिम चीन के सछ्वान प्रांत में स्थित लार्ज हाई एल्टीट्यूड एयर शावर ऑब्जर्वेटरी (ल्हासो) से ब्रह्मांड के और रहस्यों को उजागर करने की उम्मीद है। दरअसल, यह एक गामा-रे और कॉस्मिक-रे वेधशाला है, और इसने साल 2021 में अपनी सेवा के पहले वर्ष में ही आकाशगंगा के भीतर अल्ट्रा-हाई-एनर्जी कॉस्मिक एक्सेलेरेटर का पता लगा लिया। यह एक ऐसी खोज है जो आकाशगंगा की हमारी समझ को फिर से आकार दे रही है।
इसके अलावा, चीन एक तेज सुपर कंप्यूटर लॉन्च करने पर विचार कर रहा है। साल 2021 गॉर्डन बेल पुरस्कार जीतने वाली चीनी टीम ने अपने विजेता पेपर में एक अभी तक लॉन्च होने वाली शक्तिशाली मशीन का वर्णन किया है, जो एकल-सटीक कंप्यूटिंग शक्ति के 1.2 एक्साफ्लॉप के निरंतर प्रदर्शन को प्राप्त कर सकती है।
साल 2021 में, चीनी वैज्ञानिकों ने आधे साल के भीतर दो सुपरकंडक्टिंग क्वांटम कंप्यूटिंग सिस्टम, ज़ुछोंगची और ज़ुचोंगज़ी 2.1 लॉन्च किए, जिससे चीन इस क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी नेताओं में से एक बन गया।
हालांकि क्वांटम कंप्यूटर अभी भी वास्तविक दुनिया में किसी भी समस्या को हल करने में असमर्थ है, लेकिन इसके प्रदर्शन में तेजी से सुधार जारी है।
जैसा कि चीन साल 20230 से पहले अपने कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को चरम पर ले जाने और साल 2060 से पहले कार्बन तटस्थता हासिल करने का लक्ष्य बना रहा है, तो वर्तमान में कार्बन उत्सर्जन को कम करने वाली तकनीक की उच्च मांग है। चीन इस तकनीक को बनाने में एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है।
दरअसल, देश में अक्षय ऊर्जा विकसित करने का अभियान जोरों पर है। धुएं की चिमनी और बिजली की खपत वाले उद्योगों को अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पिछले साल, पूर्वोत्तर चीन के ल्याओहे तेल क्षेत्र में एक परीक्षण परियोजना ने मिट्टी में कार्बन को ठीक करते हुए अधिक तेल पंप करने के लिए 3,200 टन कार्बन डाईऑक्साइड को एक कुएं में भर दिया।
बेशक, आने वाले वर्षों में इस तरह की उभय जीत तकनीकों को और अधिक लागू किया जाएगा, जिससे चीन के कार्बन-कमी के वादे आकर्षक अवसरों में बदल जाएंगे।