हिन्दी

कैपिटल हिल उपद्रव के एक साल बाद अमेरिकी स्टाइल वाला लोकतंत्र और बीमार हो गया

criPublished: 2022-01-08 16:59:53
Share
Share this with Close
Messenger Pinterest LinkedIn

6 जनवरी को अमेरिका में कैपिटल हिल उपद्रव का पैदा होने की वर्षगांठ है। बीते एक साल में अमेरिका में अलगाव की स्थिति और गंभीर हो गयी। दुनिया ने देखा कि अमेरिकी स्टाइल वाला लोकतंत्र और बीमार हो गया है।

एसोसिएटेड प्रेस की एक नयी जांच से जाहिर है कि 30 प्रतिशत रिपब्रिकन पार्टी के सदस्यों का मानना है कि कैपिटल हिल उपद्रव हिंसक कार्रवाई नहीं है, जबकि 90 प्रतिशत लोकतांत्रिक पार्टी सदस्यों ने कहा कि यह अति हिंसक घटना है। यह आपदा राजनीतिक दलों का साधन बन गया है। निःसंदेह यह अमेरिकी स्टाइल वाले लोकतंत्र के लिए बहुत शर्म की बात है।

बीते एक साल में जन-जीवन से संबंधित कई योजनाओं का कार्यान्वयन स्थगित कर दिया गया। कई लोगों ने चिंता व्यक्त की कि इस तरह अमेरिकी सरकार का प्रचलन ठप्प हो जाएगा।

और खतरनाक बात है कि कैपिटल हिल उपद्रव ने अमेरिका पर बूरा प्रभाव डाला है। गत वर्ष के अंत में अमेरिका में जारी एक जनमत संग्रह से जाहिर है कि 34 प्रतिशत अमेरिकियों का मानना है कि अमेरिकी सरकार के खिलाफ हिंसक कार्रवाइयां करना उचित है। अमेरिकी मीडिया ने भी कहा कि अमेरिका में गृहयुद्ध की छाया पूरे देश में फैली है। 3 जनवरी को जारी एक सर्वेक्षण से जाहिर हुआ है कि 64 प्रतिशत उत्तरदाताओं के विचार में अमेरिकी लोकतंत्र संकट में है।

विडंबना यह है कि अमेरिकी नेता ने कैपिटल हिल उपद्रव की वर्षगांठ पर दिये बयान में कहा कि 6 जनवरी को अमेरिकी लोकतंत्र का अंत नहीं है, जबकि स्वतंत्रता और न्यायपूर्ण प्रतिस्पर्धा का पुनर्जन्म है।

लोकतंत्र सजाना नहीं है, जबकि जनता की समस्याओं का हल करने का साधन है। यदि अमेरिकी राजनेता लोकतंत्र के नाम पर लोकतंत्र विरोधी कार्यवाइयां करते हैं और अलगाव की रचना करते है, तो अमेरिका अवश्य ही और खतरनाक स्थिति में फंस सकेगा।

Share this story on

Messenger Pinterest LinkedIn