कोरोना महामारी के बावजूद वैश्विक नवाचार के क्षेत्र में प्रगति
संयुक्त राष्ट्र के विशेष अंगों में से एक, विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के ताजा ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक’ पर नजर डालें तो विश्व के कई हिस्सों में सरकारों और उद्यमों ने नवाचार के क्षेत्र में निवेश के स्तर को बढ़ाया है।
दरअसल, इस कोरोना महामारी से पुनर्निर्माण प्रक्रिया में, दुनिया के समक्ष मौजूद साझा चुनौतियों पर क़ाबू पाने और एक बेहतर भविष्य का निर्माण करने में नवाचार की एक बड़ी भूमिका रही है, और यह कोविड-19 वैश्विक महामारी से उबरने में नए विचारों व समाधानों की महत्ता को दर्शाता है।
हालांकि, विभिन्न क्षेत्रों व उद्योगों पर कोरोनावायरस संकट का प्रभाव विषमतापूर्ण हुआ है। लेकिन कोविड-19 महामारी के भीषण असर के बावजूद, अनेक क्षेत्रों ने असाधारण सहनक्षमता दिखाई है, विशेष रूप से डिजिटलीकरण, टैक्नॉलॉजी और नवाचार को अपनाने वालों ने।
हर साल ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक’ में, विश्व की अर्थव्यवस्थाओं की नवाचार क्षमता और उत्पादन के आधार पर एक सूची तैयार की जाती है, जो कि आम तौर पर कुछ ही अर्थव्यवस्थाओं का हमेशा दबदबा दिखाई देता रहा है, जिनमें से अधिकांश उच्च-आय वाले देश हैं।
मगर, साल 2021 में स्विट्ज़रलैण्ड, स्वीडन, अमेरिका और ब्रिटेन के साथ कोरिया गणराज्य शीर्ष पांच देशों में पहली बार शामिल हुआ है। वहीं, चार अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाएं- सिंगापुर, चीन, जापान और चीन का हांगकांग शीर्ष 15 की सूची में शामिल हैं।
यकीनन, चीन ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है और यह शीर्ष 10 की सूची में शामिल होने के बेहद नज़दीक पहुँच गया है। इतना ही नहीं, शीर्ष 30 देशों की सूची में स्थान पाने वाला चीन, एकमात्र मध्य-आय वाला देश है।
इसके अलावा, इन चुनिन्दा मध्य-आय वाले देश, जैसे कि तुर्की, वियतनाम, भारत और फ़िलिपीन्स भी नवाचार के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। इन देशों का नवाचार क्षेत्र में आगे बढ़ना, वैश्विक नवप्रवर्तन की दशा व दिशा को बदल कर रख देने की संभावना से भरा है।