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चीन में कोयला खदानों में सुरक्षा के उपाय हुए मजबूत

criPublished: 2022-01-23 19:03:14
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चीन में पिछले कुछ समय से विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के उपायों पर काफी ध्यान दिया गया है। कोयले की खदानों में भी सुरक्षा खतरों को दूर करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। बताया जाता है कि देश में कोयले की बढ़ती मांग के कारण सुरक्षा खतरे भी पैदा हुए हैं। इसे दूर करने के लिए आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने अवैध कोयला खनन पर कार्रवाई तेज करने का फैसला किया है। इसके साथ ही मांग को पूरा करने में मदद करने वाली खानों की निगरानी बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया है।

संबंधित मंत्रालय के अधिकारी सु चिए ने प्रेस वार्ता में बताया कि शांक्सी प्रांत में अवैध खनन के मामलों की संख्या तेज गति से बढ़ रही है। हाल में इसी तरह की एक घटना सामने आयी, जिसमें अवैध खदान में पानी भर जाने से कई मज़दूर फंस गए। सरकार ने इस घटना पर गंभीर रुख अपनाया है। चीन के संबंधित मंत्रालय अवैध खनन को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

प्रमुख कोयला उत्पादन क्षेत्रों में औचक निरीक्षण करने के लिए 16 टीमों की स्थापना की गई। जबकि अधिकारियों के 14 समूहों को अन्य क्षेत्रों में भेजा गया था। कहा जा रहा है कि इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे उल्लंघन का पता लगाने के लिए हर इलाके में निरीक्षण करें।

इतना ही नहीं, मंत्रालय सुरक्षा खतरों वाली कुछ कोयला खदानों को मार्गदर्शन भी देगा ताकि वे अपनी समस्याओं का समाधान कर उत्पादन शुरू कर सकें।

वहीं सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले साल देश में कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं से अपेक्षाकृत कम मौतें हुई। साल 2021 में देश भर में कार्यस्थलों पर कुल 34,600 दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें साल-दर-साल 9 प्रतिशत की कमी दर्ज की गयी है। हताहतों की संख्या में 4 फीसदी की कमी आयी, जो कि 26,300 रही। वहीं पिछले वर्ष कोई गंभीर दुर्घटना सामने नहीं आयी। इससे स्पष्ट होता है कि चीन में केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों का असर दिख रहा है, जो एक अच्छा संकेत है।

इसके साथ ही मंत्रालय ने कोयला उत्पादन बढ़ाने में मदद करने का भी प्रयास किया है। हाल ही में 1,677 नई कोयला खदानों को मंजूरी दी गयी है, वहीं 207 अन्य को उत्पादन बढ़ाने की अनुमति प्रदान की गयी है। माना जा रहा है कि इससे चीन की वार्षिक कोयला उत्पादन क्षमता 310 मिलियन टन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

अनिल पांडेय

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