लिथुआनिया के राजनीतिज्ञों को सचेत रहने की जरूरत
हाल में लिथुआनिया के राजनीतिज्ञों द्वारा एक चीन के सिद्धांत को मान्यता न देने से द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा हुआ है। इससे लिथुआनिया के उद्यमों और लिथुआनिया में निवेश करने वाले यूरोपीय देशों के उद्यमों को भारी नुकसान पहुंचा है। अनुमान है कि नुकसान करीब 10 करोड़ यूरो तक पहुंच सकता है। इन उद्यमों ने हाल में लिथुआनिया सरकार से जल्द ही चीन के साथ संबंधों में सुधार करने की अपील की।
तथ्यों से साबित हुआ है कि लिथुआनिया के राजनीतिज्ञों ने चीन विरोधी शक्ति के लिए शतरंज के मोहरे बनाये, लेकिन खुद के उद्यमों और देश में निवेश देने वाले विदेशी उद्यमों को क्षति पहुंचायी गयी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक लिथुआनिया में कई बड़े उद्यम नुकसान को कम करने के लिए लिथुआनिया में व्यवसाय छोड़कर अन्य देशों में स्थानांतरित होने की योजना बना रहे हैं। कई जर्मन उद्यमों ने लिथुआनिया सरकार से चीन के साथ संबंधों की बहाली करने की मांग की, नहीं तो वे लिथुआनिया को छोड़ने की बात भी कही।
गत वर्ष की एक जांच रिपोर्ट से जाहिर है कि सरकार के प्रति लिथुआनिया की जनता की विश्वास दर 17.3 प्रतिशत तक कम हो गयी है। यह अनुपात लिथुआनिया देश की स्थापना के बाद सबसे निम्न स्तर है। लिथुआनिया के राजनीतिज्ञों को साफ साफ जानना चाहिए कि चीन में एकता की प्रवृत्ति को नहीं रोका जा सकता है। चीनी जनता द्वारा देश की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा करने का दृढ़ संकल्प है। थाईवान से चीन पर दबाव डालने की कोई भी साजिश अवश्य ही विफल होगी।