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विदेशी विशेषज्ञों को आकर्षित करेगा चीन

criPublished: 2022-01-28 17:49:57
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चीन में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक रहते हैं। जो न केवल विभिन्न कंपनियों में काम करते हैं, बल्कि बिजनेस व पढ़ाई आदि के लिए भी चीन में ठहरते हैं। हालांकि कोरोना महामारी के कारण तमाम विदेशी चीन वापस आने का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच चीन में शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन होने वाला है, जिसकी सफलता की उम्मीद सभी लगाए हैं। वहीं चीन चाहता है कि भविष्य में और अधिक विदेशी विशेषज्ञ यहां आकर काम करें। इसके लिए चीन सरकार विभिन्न तरीकों से विदेशियों को आकर्षित करेगी।

चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने पेइचिंग में बुधवार को हुए एक कार्यक्रम में उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में ज्यादा से ज्यादा विदेशी विशेषज्ञ चीन में काम करेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने चीन में काम करने और रहने वाले विदेशी विशेषज्ञों को अधिक बेहतर वातावरण प्रदान करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि चीन प्रवासियों की समस्याओं को हल करने में मदद करने के लिए अधिक प्रयास करेगा। ध्यान रहे कि चीन में समय-समय पर विदेशी नागरिकों के हितों में कदम उठाए जाते हैं। आमतौर पर देखने में आता है कि चीनी लोग विदेशियों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं, चीन में रहने वाले बाहरी लोगों को यहां अपनेपन का अहसास होता है।

बुधवार को चीनी प्रधानमंत्री ने विदेशी विशेषज्ञों के साथ हुई मुलाकात में उन्हें वसंत त्यौहार की शुभकामनाएं दीं। चीनी पीएम ने चीन के सुधार, खुलेपन और आधुनिकीकरण अभियान में विदेशी लोगों के योगदान की प्रशंसा भी की। साथ ही उम्मीद जताई कि विदेशी विशेषज्ञ अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने और चीन सरकार के काम पर अधिक सलाह देने के लिए अपनी पेशेवर विशेषज्ञता का इस्तेमाल करेंगे।

गौरतलब है कि पिछले साल हुई जनगणना के मुताबिक चीन की मुख्य भूमि में 8 लाख 45 हज़ार विदेशी नागरिक रहते हैं। जबकि हांगकांग, मकाओ व थाईवान आदि में 5 लाख 85 हज़ार विदेशी मौजूद हैं।

आंकड़ों के अनुसार, चीन में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का वास्तविक उपयोग 20.2 प्रतिशत बढ़कर पिछले साल रिकॉर्ड 173.4 अरब डॉलर पहुंचा। साल 2021 में नए स्थापित विदेशी-वित्त पोषित उद्यमों की संख्या साल-दर-साल 23.5 फीसदी की वृद्धि के साथ 48 हज़ार हो गयी।

जैसा कि हम जानते हैं कि विश्व आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। चीनी अर्थव्यवस्था भी कुछ मुश्किलों से जूझ रही है, लेकिन चीन सरकार सुधार व खुलेपन के कदम उठाते रहेगी। साथ ही उम्मीद है कि चीन अपनी मैक्रो नीतियों में क्रॉस-चक्रीय समायोजन को आगे बढ़ाएगा और प्रमुख आर्थिक संकेतकों को उचित सीमा के भीतर नियंत्रित करने की कोशिश करेगा। ली खछ्यांग भी बाज़ार की चुनौतियों और संभावनाओं को अच्छी तरह समझते हैं।

चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग के बयान से स्पष्ट होता है कि चीन सुधार और खुलेपन पर जोर देता रहेगा। इसके साथ ही चीन अपने यहां काम करने वाले विदेशी नागरिकों को आकर्षित करने के लिए भी कदम उठाएगा।

अनिल पांडेय

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