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"प्रतिस्पर्धा" की आड़ में अमेरिका अपना वर्चस्व कायम रखना चाहता है

criPublished: 2022-02-11 14:46:33
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अमेरिकी प्रतिनिधि सदन ने हाल ही में तथाकथित "अमेरिकी प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2022" पारित किया है, जिसमें कहा गया कि अमेरिका को विनिर्माण, नवाचार और आर्थिक ताकत में अन्य देशों के नेतृत्व को सुनिश्चित करना चाहिए। लेकिन अधिनियम में भरी हुई बड़ी मात्रा में चीन से संबंधित सामग्री परेशान करने वाली है। जैसे चीन के विकास पथ और घरेलू व विदेशी नीतियों को बदनाम करना, थाईवान, शिनच्यांग, हांगकांग, तिब्बत आदि से संबंधित मुद्दों के माध्यम से चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना इत्यादि। इसका उद्देश्य है कि प्रतिस्पर्धा की आड़ में चीन का दमन करना है। यह अधिनियम शीत-युद्ध का रंग और शून्य-राशि की सोच दिखाता है, इसे बिलकुल एक "आधिपत्य अधिनियम" कहा जा सकता है।

चीन में इंटरनेट पर एक लोकप्रिय कहावत है: "बस अपनी रोशनी खुद चमकाओ, दूसरों की रोशनी मत बुझाओ।" देशों के बीच प्रतिस्पर्धा होना सामान्य बात है, लेकिन यह एक तरह की स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, न कि एक दुष्कर प्रतियोगिता जो एक दूसरों पर प्रहार किया जाए और एक दूसरे को हानि पहुंचाई जाए। चीन के विकास का लक्ष्य कभी भी अमेरिका की जगह लेना नहीं रहा है, बल्कि चीनी लोगों को एक खुशहाल और बेहतर जीवन प्रदत्त करना है। चीन किसी को भी अपने विकास के वैध अधिकार को वंचित नहीं करने देगा।

वास्तव में, अमेरिका का असली दुश्मन खुद ही है। अमेरिका में कुछ राजनीतिज्ञों ने वैज्ञानिक तकनीकी और आर्थिक विकास के नियमों का उल्लंघन कर प्रतिस्पर्धा के नाम पर चीन पर उंगली उठाई है। यह केवल अर्थव्यवस्था, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में चीन और अमेरिका के बीच सहयोग को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाएगा। अंततः यह अमेरिका के हितों को क्षति पहुंचाएगा।

अमेरिका के संबंधित कानून के अनुसार, प्रतिनिधि सदन में तथाकथित "अमेरिकी प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2022" पारित होने के बाद इसे सीनेट को विचार-विमर्श के लिए भेजा जाएगा जहां इसे पारित किया जाए, और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही औपचारिक तौर पर लागू होगा। "काल्पनिक दुश्मन की तलाश में" व्यस्त कुछ अमेरिकी लोगों को चीन के विकास को निष्पक्ष और तर्कसंगत रूप से देखना चाहिए, और तुरंत इस अधिनियम को आगे बढ़ाना बंद करना चाहिए। चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और चीन के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले खराब व्यवहार के प्रति चीन जबरदस्ती जवाबी कदम उठाएगा।

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