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शीतकालीन ओलंपिक का आयोजन मानव समुदाय के लिए नयी आशा और एकता का संदेश

criPublished: 2022-02-15 17:08:18
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4 फरवरी 2022 को पेइचिंग के नेशनल स्टेडियम में 24वें शीतकालीन ओलंपिक और पैरालांपिक का भव्य उद्घाटन समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने दुनिया के लगभग 90 देशों व क्षेत्रों से आए 3000 से भी ज्यादा खिलाड़ियों को संबोधित किया और सफल आयोजन की उम्मीद जतायी। पेईचिंग में शीतकालीन ओलंपिक खेल के भव्य आयोजन के साथ ही पेइचिंग विश्व के उन प्रतिष्ठित शहरों में शामिल हो चुका है जिन्हें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और शीतकालीन ओलंपिक के आयोजन का गौरव प्राप्त है। वर्ष 2008 में, पेइचिंग में ओलंपिक के अद्भुत आयोजन से,चीन अपनी आयोजन क्षमता से दुनिया को पहले ही परिचय करा चुका था। सात सालों बाद, 2015 में, पेईचिंग को 24वें शीतकालीन ओलंपिक के मेजबानी का भार मिला तो उसी समय से पेइचिंग और पास के शहर चांग च्याखोउ में इस खेल के आयोजन के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू हो गया। वर्ष 2021 के अंत तक, सभी स्टेडियम तथा आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का निर्माणकार्य तथा उनका संचालन भी शुरू हो गया था। ओलंपिक से ठीक पहले, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग का ओलंपिक स्टेडियम का दौरा ने विश्व समुदाय को ओलंपिक के सफल संचालन के बारे में आश्वस्त कर दिया।

हालांकि, कोरोना महामारी के इस दौर में, पेइचिंग में ओलंपिक के संचालन के बारे में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रहीं थी, लेकिन चीन की “शून्य कोरोना संख्या” नीति ने इस खेल के संचालन के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। ओलंपिक से कुछ दिन पहले ही, पेईचिंग और थिएनचिन में कोरोना के कुछ मामलों ने अतंरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया और ओलंपिक के संचालन को लेकर अफवाहों का सिलसिला शुरू हो गया। लेकिन, स्थानीय सरकार की युद्धस्तर पर उठाए गए कदम ने इस महामारी को बढ़ने नहीं दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चुप करा दिया। चीन के लोगों का ओलंपिक के प्रति समर्थन को इसी से देखा जा सकता है कि पेइचिंग में जो दूसरे प्रांत के लोग काम कर रहे हैं, वे अपने परंपरागत त्योहार वसंत त्योहार को मनाने के लिए अपने गृहनगर वापस नहीं गए। यहाँ तक कि, इस खेल में भाग लेने वाले विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र स्वयंसेवक ओलंपिक से लगभग बीस दिन पहले से ही होटल में चिकित्सकों के निगरानी में रहने लगे, और पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही उन्हें बतौर स्वयंसेवक भाग लेने दिया गया। पेइचिंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय से 900 से भी अधिक छात्राों ने इस बार बतौर स्वयंसेवक ओलंपिक में भाग लिया है। एक छात्र ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि, “मैं हिंदी पढ़ती हूँ, और मुझे भारतीय प्रतिनिधि मंडल से मिलने का मौका मिला और उनका सहयोग करने का अवसर प्राप्त हुआ। हालांकि मेरी हिंदी उतनी अच्छी नहीं है लेकिन बतौर स्वयंसेविका काम करना मेरे लिए गौरव की बात है और इस काम के द्वारा मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ गया है”। वहीं एक दूसरे छात्र ने अपने अनुभव के बारे में कहा कि, “हालांकि, स्वयंसेवक का काम बहुत मुश्किल है लेकिन मुझे गर्व है कि विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों से मिलने का मौका मिला, जब फुरसत में होता हूँ तो उनके साथ चीनी संस्कृति के बारे में बात करता हूँ और उम्मीद है कि इस खेल के द्वारा दुनिया के लोग चीन को समझ पाएँगे”। अतः ओलंपिक के सफल संचालन और दुनिया के प्रतिनिधियों को सुखद अनुभव प्रदान करने के लिए न केवल स्थानीय निवासी बल्कि छात्र भी भरपूर समर्थन करते नजर आ रहे हैं।

कुछ देशों ने ओलंपिक के आयोजन को भी राजनीति से जोड़े बिना नहीं छोड़ा और उन्होंने कूटनीतिक स्तर पर चीन में ओलंपिक के आयोजन का विरोध किया। लेकिन ओलंपिक में भाग लेने आए खिलाड़ियों और प्रतिनिधियों के उत्साह ने उन देशों की मंशा को चूर-चूर कर दिया है। गौरतलब है कि, महामारी के कारण टोक्यो ओलंपिक का संचालन देरी से हुआ था लेकिन चीन ने महामारी और कूटनीतिक दबाब को झेलते हुए नीयत समय पर ओलंपिक का आयोजन किया और दुनिया को एक नया संदेश दिया है। इस बार के ओलंपिक का थीम, “एक साथ साझा भविष्य की ओर” है। इस थीम के द्वारा चीन ने विश्व को यह संदेश देने की कोशिश की है कि, दुनिया एक संयुक्त परिवार है और मानव समुदाय का भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। इससे यह भी जाहिर होता है कि चीन मानव समुदाय के साझा भविष्य के निर्माण के प्रति प्रतिबद्ध है।

इस बार का ओलंपिक शुभंकर पिंग त्वनत्वन भी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। चीन का पारंपरिक वसंत त्योहार के दौरान ही ओलंपकि के आयोजन ने पिंग त्वनत्वन को रातोंरात लोकप्रिय बना दिया। न केवल चीन में बल्कि अन्य देशों में भी पिंग त्वनत्वन की खरीदारी के लिए प्रशंसक कोशिश कर रहे हैं। पिंग त्वनत्वन शुभंकर चीन का प्रसिद्ध पांडा पर चित्रित एक अंतरिक्ष यात्री जैसा दिखने वाला शुभंकर है। यह शुभंकर चीन द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में प्राप्त की गई उपलब्धियों को भी प्रदर्शित करता है। ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के लिए चीनी एयरोस्पेस विज्ञान और प्रौद्यौगिकी निगम ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गौरतलब है कि, चीनी अंतरिक्ष स्टेशन, छांग अ श्रृंखला और थ्येनवन-1 मंगल ग्रह अनुसंधान का कार्य यही संस्था कर रही है। ओलंपिक समारोह की सफलता की सुनिश्चितता के लिए एयरोस्पेस विज्ञान और प्रौद्यौगिकी निगम ने 11 बड़ी परियोजनाओं का कार्य संभाला और उन्हें सफलतापूर्वक पूरा किया। इससे खेल और विज्ञान तकनिक के अन्योन्याश्रय संबंध का भी पता चलता है।

4 फरवरी को शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह से 14 फरवरी तक चीन पाँच स्वर्ण पदक के साथ पदक तालिका में साँतवें स्थान पर है। चीन के लिए स्वर्ण पदक जीतने वाली कुओ आएलिंग चीन के लिए स्टार बन चुकी है। कुओ आएलिंग, अमेरिका में पली-बढ़ी है लेकिन देश के प्रति प्यार और जुनून ने उसे इस साल ओलंपिक पदक प्राप्त करने में मदद की है। यही कारण है कि वह रातोंरात सबकी चहेती बन चुकी है।

पेइचिंग ओलंपिक के आयोजन ने मानव समुदाय को महामारी और वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में जहाँ एकजुट होने का मौका दिया है तो दूसरी ओर कोविड से ग्रस्त विश्व समुदाय के लिए एक नयी आशा और विश्वास भी लेकर आया है। विश्व समुदाय चीन के इस महान आयोजन से वैश्विक एकता व सहयोग के सबक को सीख पाएँगे।

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