हिन्दी

दोनों ओलंपिक खेल बराबर रंगीन हों,चीन ने पूरा किया अपना वादा

criPublished: 2022-03-14 20:19:59
Share
Share this with Close
Messenger Pinterest LinkedIn

13 मार्च की रात को पेइचिंग शीतकालीन पैरालंपिक के समापन समारोह में अंतर्राष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स ने कहा कि चीन ने भविष्य के शीतकालीन पैरालंपिक के लिए मिसाल स्थापित की है। यह उनके द्वारा देखा गया सबसे अच्छा शीतकालीन पैरालंपिक है।

बीते 9 दिनों में 46 देशों और क्षेत्रों से आए करीब 600 विकलांग एथलीटों ने पेइचिंग शीतकालीन पैरालंपिक खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया। शीतकालीन पैरालंपिक खेल ने विश्व में विश्वास, मैत्री और आशा की किरण जगाई है, जो अवश्य ही विश्व विकलांगों के खेल कार्य में एक नया अध्याय जोड़ेगी।

पेइचिंग शीतकालीन पैरालंपिक खेल ने प्रबल रूप से चीनी विकलांगों के आईस खेल के विकास को आगे बढ़ाया है, जिससे चीनी स्टाइल वाले मानवाधिकार का विकास और देश के विकास की उपलब्धियां प्रतिबिंबित हुई हैं। पेइचिंग शीतकालीन पैरालंपिक के सफल आयोजन से इधर के वर्षों में चीनी विकलांग कार्य का तेज विकास प्रतिबिंबित हुआ है। 2016 से अब तक चीन ने क्रमशः 6 वर्षों में विकलांगों की आईस खेल सीजन नामक गतिविधि का आयोजन किया, जिसने 3 लाख से ज्यादा विकलांगों को आकर्षित किया है। उन्होंने खेल से अपने सपने को साकार किया है।

चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ शीतकालीन पैरालंपिक खेल के अवशेष का उत्तराधिकार कर विश्व विकलांग कार्य के और बड़े विकास को आगे विकसित करेगा। आज के चीनी समाज में विकलांगों के लिए बहुत ज्यादा सुविधाजनक उपकरण उपलब्ध हैं। यह चीन में मानवाधिकार के संरक्षण की एक झलक भी है।

हाल में विश्व की कुल आबादी के करीब 15 प्रतिशत विकलांग हैं। वे परिवार में समान सदस्य भी हैं। पेइचिंग शीतकालीन पैरालंपिक मानों एक आईना हो जिसने लोगों को गर्मी पहुंचाने के साथ चीनी मानवाधिकार का विकास और प्रगति भी जाहिर की है।

“दोनों ओलंपिक खेल बराबर रंगीन हों।” चीन ने दुनिया के प्रति अपना वादा पूरा किया है।

Share this story on

Messenger Pinterest LinkedIn