हिन्दी

हरियाली बढ़ाने के लिए चीन में जारी है कोशिश

criPublished: 2022-03-15 18:55:42
Share
Share this with Close
Messenger Pinterest LinkedIn

चीन में लगातार पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण करने के उपाय किए जा रहे हैं। हाल के वर्षों में चीन सरकार ने वनीकरण की मात्रा बढ़ाने और पार्कों में हरियाली व शहरों में पौधारोपण पर बहुत ध्यान दिया है। यही कारण है कि हमें दिन ब दिन स्वच्छ हवा व नीला आसमान देखने को मिल रहा है। चीन के संबंधित विभागों ने इस बारे में कितना प्रयास किया है, इसका उदाहरण हम यहां देख सकते हैं।

आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि होती है कि चीन में हरियाली बढ़ाने पर कैसे ध्यान दिया जा रहा है। राष्ट्रीय वनीकरण समिति द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार चीन ने पिछले साल 3.6 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में वनीकरण किया। जो राजधानी पेइचिंग के क्षेत्रफल के दोगुने से अधिक है।

बताया जाता है कि हरित परियोजनाओं के तहत चीन में 1.4 मिलियन हेक्टेयर से अधिक रेतीले और रेगिस्तानी भूमि के विस्तार को भी रोका गया। जबकि 30 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में घास के मैदानों को फिर से बहाल किया गया।

गौरतलब है कि शनिवार 12 मार्च को चीन का 44वां वृक्षारोपण दिवस था, और संबंधित समिति ने सभी वयस्कों से एक साल में तीन से पांच पेड़ लगाने का आह्वान किया। साथ ही विभिन्न हरित परियोजनाओं में सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहन देने पर भी जोर दिया गया है।

चीन में पौधे लगाने के लिए कितनी गंभीरता से काम हुआ है, यह पिछले चार दशकों में आए बदलाव से पता चलता है। बताया जाता है कि इस दौरान चीन में स्वैच्छिक वृक्षारोपण में आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और लगभग 79 अरब पेड़-पौधे लगाए। राष्ट्रीय वानिकी और घास के मैदान प्रशासन की मानें तो इसने चीन की वन कवरेज दर को बढ़ाकर 23 फीसदी कर दिया है, जो 1980 के दशक की तुलना में लगभग दोगुनी है।

ध्यान रहे कि चीन ने पिछले कुछ सालों में 20 हज़ार से अधिक छोटे पार्क स्थापित किए हैं, जबकि देश भर में 80 हज़ार किमी. से अधिक का हरे-भरे रास्तों को निर्माण किया गया। इतना ही नहीं चीन आर्द्रभूमि संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार चीन आर्द्रभूमि के मामले में विश्व में चौथे स्थान पर है, इस तरह चीन में 65.9 मिलियन हेक्टेयर आर्द्रभूमि है, जो वैश्विक आर्द्रभूमि का 10 प्रतिशत हिस्सा है।

चीन की आर्द्रभूमि का पिछले पांच वर्षों में लगातार विस्तार हुआ है, जिसमें 2 लाख 2 हज़ार छह सौ हेक्टेयर का इजाफा हुआ है।

कहा जा सकता है कि चीन जल सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान दे रहा है।

अनिल पांडेय

Share this story on

Messenger Pinterest LinkedIn