परंपरा और आधुनिकता, तिब्बती लोग लेते हैं समृद्ध और रंगीन सांस्कृतिक जीवन का आनंद
बताया गया है कि साल 2020 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने 5492 गांव नाट्य प्रदर्शन टीमें स्थापित कीं, पूरे साल में 395 टाउंशिप वाले नाट्य प्रदर्शन टीमों, 153 लोक तिब्बती दलों समेत विभिन्न स्तरीय नाट्य प्रदर्शन दलों ने कुल 24 हज़ार नाट्य प्रदर्शन पेश किए। नागरिकों के नाट्य प्रदर्शन टीमों के निर्माण के समर्थन के लिए तिब्बत ने साल 2020 से ही प्रत्येक प्रशासनिक गांव की सांस्कृतिक प्रदर्शन टीम के लिए प्रति वर्ष 50 हजार युआन की सब्सिडी देना शुरु की। इस राशि का उपयोग सांस्कृतिक प्रदर्शन कर्मियों के कामकाज में नुकसान की सब्सिडी, प्रदर्शन पोशाक और रंगमंच की सामग्रियों की खरीददारी, और कार्यक्रमों की रचना आदि में किया जाता है।
ल्हासा में चौथा “तिब्बती ओपेरा प्रदर्शन सीज़न” अभी-अभी संपन्न हुआ है, जो गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत के उत्तराधिकार के लिए नागरिकों की उदारता वाली परियोजनाओं में से एक है। इसे व्यापक नागरिकों, तिब्बती ओपेरा प्रेमियों और पर्यटकों की प्रशंसा मिली है। ओपेरा की ऊंची आवाज़ सुनते और श्रेष्ठ प्रदर्शन देखते समय लोग साथ-साथ एकत्र होकर तिब्बती ओपेरा का मज़ा लेते हैं। प्राचीन गीत और नृत्य में वे पठार पर तिब्बती जाति की खास कला का अनुभव करते हैं।
साल 2018 में “तिब्बती ओपेरा प्रदर्शन सीज़न” वाली परियोजना शुरु हुई, तब से अब तक 30 से अधिक तिब्बती ओपेरा दल बारी-बारी से प्रदर्शन कर चुके हैं। इसे देखने वाले दर्शकों की संख्या एक लाख से अधिक है। वर्तमान में पोटाला महल के पीछे लोंगवांगथान पार्क तिब्बती गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत की जीवंत विरासत और ग्रामीण पुनरोद्धार को बढ़ावा देने के लिए एक "खिड़की" बन गयी है, और यह तिब्बत में 153 लोक तिब्बती ओपेरा टीमों के लिए प्रदर्शन का इच्छुक मंच भी बन गया है।
इस वर्ष तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति की 70वीं वर्षगांठ है। पिछले 70 सालों में तिब्बत में सार्वजनिक संस्कृति का जोरदार विकास हो रहा है। फिल्म, टीवी, सांस्कृतिक प्रदर्शन और बेहतरीन फिल्म और टेलीविजन ड्रामा डबिंग सहित सांस्कृतिक सेवा और सांस्कृतिक गतिविधियां अधिक से अधिक रंगारंग होने लगी हैं। इसके साथ ही पुस्तकालय, नागरिक कला भवन, संग्रहालय आदि विभिन्न स्तरीय सांस्कृतिक स्थल तिब्बती लोगों के सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने की महत्वपूर्ण जगह बन चुके हैं।
इस वर्ष मई में पारित“तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति और समृद्ध विकास”शीर्षक श्वेत पत्र के मुताबिक, साल 2020 तक, तिब्बत में स्वायत्त प्रदेश, शहर, काउंटी, कस्बा, गांव सहित पाँच स्तरीय सार्वजनिक सांस्कृतिक सेवा व्यवस्था स्थापित की जा चुकी है। इसका मतलब है कि तिब्बत में सार्वजनिक सांस्कृतिक सेवा की कवरेज दर 100 प्रतिशत तक पहुंच गई है। परंपरा और आधुनिकता की विभिन्न संस्कृतियों से तिब्बती लोग रंगबिरंगा सांस्कृतिक जीवन का आनंद ले रहे हैं।