अक्षय ऊर्जा की वकालत करने वाले एक भारतीय ने बनाया पानी से चलने वाला चूल्हा
इस उत्पाद के अनुसंधान और विकास में 9 वर्ष लगा चुके राजेश पुरोहित ने बताया कि इस उत्पाद को बनाने में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण इसके कल-पुर्जों को विकसित करना था, क्योंकि इसके कल-पुर्जे आमतौर पर बाजार में उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने यह भी बताया कि इस समय उनके उपकरणों के अलावा अभी बाजार में कोई और उपकरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि बहुत जल्द ही बाजारों में ऐसे उत्पाद जरूर देखने को मिल जाएंगे। चाहे गीजर हो, हीटर हो या कोई भी अन्य हीटिंग उपकरण हो, लगभग उन सभी हीटिंग की इस पद्धति का उपयोग करते हुए देखा जा सकेगा।
दरअसल, ऐसे उत्पादों में एलपीजी, पेट्रोल, डीजल, आदि का कोई खर्चा नहीं है। साथ ही, बढ़ती इस महंगाई में ये उपकरण काफी हद तक आपकी जेब ढीली होने से बचाएंगे।
राजेश पुरोहित ने बताया कि आमतौर पर यह तकनीक किसी भी अन्य गैस तकनीक की तुलना में अधिक सुरक्षित होती है, क्योंकि इसमें कोई भी ईंधन स्टोर नहीं होता है, इसलिए संग्रहीत ईंधन प्रौद्योगिकी की तुलना में यह सबसे ज्यादा सुरक्षित होता है।
अक्षय ऊर्जा की वकालत करने वाले राजेश पुरोहित ने कहा कि अक्षय ऊर्जा कभी न खत्म होने वाला स्रोत है और यह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। जीवाश्म ऊर्जा हमारे आसपास की प्राकृतिक सुंदरता को नष्ट कर देते हैं और जलवायु को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए, अब समय आ गया है कि लोगों को अब अक्षय ऊर्जा की तरफ शिफ्ट हो जाना चाहिए, जो कि यह हर किसी के लिए फायदेमंद है।