गंभीर बीमार हुए“अमेरिकी लोकतंत्र”को दुनिया स्पष्ट रूप से देखती है
"अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रणाली अकेले अमेरिका में अभ्यास का परिणाम है। यह अद्वितीय है, लेकिन सार्वभौमिक नहीं, और परिपूर्ण से बहुत दूर है।" 5 दिसंबर को चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी “अमेरिकी लोकतंत्र” शीर्षक रिपोर्ट में यह बात कही गई और प्रणाली में खराबी, लोकतांत्रिक व्यवहार में अराजकता तथा लोकतंत्र के प्रसार से पैदा बुरे परिणाम जैसे क्षेत्रों में गहराई से विश्लेषण किया गया। रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रणाली धीरे-धीरे अलग-थलग और बदल गई है, और यह लोकतांत्रिक प्रणाली के मूल और प्रणाली के प्रारंभिक इरादे से तेजी से विचलित हो गई है।
यह स्पष्ट है कि "अमेरिकी लोकतंत्र" बीमार है, और यह बीमारी बहुत गंभीर है! यह अमेरिका में आयोजित होने वाले तथाकथित "लोकतंत्र शिखर सम्मेलन" को और भी बेतुका बनाता है। 4 दिसंबर को "लोकतंत्र : सभी मानव जाति का सामान मूल्य" शीर्षक अंतर्राष्ट्रीय मंच पेइचिंग में उद्घाटित हुआ, जिसमें उपस्थित प्रतिनिधियों ने लोकतंत्र पर व्यापक रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया। उनके विचार में लोकतंत्र के लिए कोई सार्वभौमिक मॉडल नहीं है। सभी देशों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, मतभेदों को दूर करना चाहिए, आदान-प्रदान करना चाहिए, एक-दूसरे से सीखना चाहिए, एकता को बढ़ावा देना चाहिए, सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए और लोगों की भलाई को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने यह सवाल पूछा कि क्या जॉर्ज फ्लॉयड, जिसकी पुलिस द्वारा गर्दन दबाने से मौत हुई, उसके जैसे लोगों को अमेरिकी राजनयिकों के कथन में "लोकतंत्र" और "मानवाधिकार" का आनंद लेते हैं?
इधर के सालों में अमेरिका में अफ्रीकी मूल वाले पुरुष जॉर्ज फ्लॉयड को पुलिस द्वारा गर्दन दबाने से मारा गया, जिसकी वजह से देश भर में प्रदर्शनों और विरोधों की लहर दौड़ गई। कोरोना महामारी से अब तक 7.8 लाख अमेरिकी लोगों की मौत हुई। इसे अमेरिकी लोकतंत्र के इतिहास में सबसे बड़ा दाग माना जाता है। “अमेरिकी लोकतंत्र” के प्रति अमेरिकी लोगों की निराशा बढ़ रही है।