अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की हंसी का पात्र बना अमेरिका
हाल में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह चीन स्थित अमेरिकी राजनयिकों को हटाने पर विचार कर रहा है, इसकी वजह है चीन की महामारी रोधी नीति बहुत सख्त होना है। अब पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन में सिर्फ 10 से कम दिन बचे हैं। अमेरिकी राजनयिकों की इस हरकत का मकसद चीन की महामारी रोधी नीति को बदनाम करना है और पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक में बाधा डालना है।
शीतकालीन ओलंपिक के आगमन पर वाशिंगटन प्रशासन लगातार स्थिति को खराब करने की कार्रवाई करता रहा है। अमेरिका ने पहले सरकारी अधिकारियों के पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक में भाग न लेने का एलान किया, फिर अमेरिका जाने वाली कई चीनी एयरलाइंस के विमानों को रोका। अब चीन स्थित राजनयिकों और उनके परिजनों को चीन से हटाने की बात भी कही है। इन घटनाओं से विश्व के लोग स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि अमेरिका विविध हथकंडों से पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक में बाधा पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस कार्रवाई से ओलंपिक भावना और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की एकता और सहयोग के माहौल को नुकसान पहुंचा है।
एक सरल, सुरक्षित और रंगीन ओलंपिक पेश करना पेइचिंग द्वारा विश्व को दिया गया वचन है। ओमिक्रॉन वायरस के फैलने की पृष्ठभूमि में शीतकालीन ओलंपिक के दौरान महामारी रोधी कार्य को चीन बड़ा महत्व देता है। चीन ने प्रभावी और वैज्ञानिक महामारी रोधी सख्त नीति लागू की, जिसका मकसद सभी एथलीटों और संबंधित कर्मचारियों के सही ढंग से मैच में भाग लेकर सुरक्षित रूप से घर वापस लौटने को सुनिश्चित करना है।
पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक विभिन्न देशों के एथलीटों के न्यायपूर्ण प्रतियोगिता का प्लेटफार्म है, साथ ही मानव जाति की एकता और मैत्री का प्रतीक भी है, पर अमेरिकी राजनेताओं का अभिनय करने का स्थल नहीं है। हाल में आईओसी के अध्यक्ष थॉमस बाख चीन पहुंच चुके हैं। रूस, पोलैंड, अर्जेन्टीना और मध्य एशिया के पांच देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने भी पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक में शामिल होने का एलान किया है। लगभग सौ देशों और क्षेत्रों के 2,800 से अधिक एथलीट भी चीन में इकट्ठा होंगे। अमेरिकी पक्ष को इस सुअवसर पर चीन-अमेरिका संबंधों में सक्रिय ऊर्जा डालनी चाहिए, इसके खिलाफ काम नहीं करना चाहिए। आशा है कि अमेरिका चीन के महामारी रोधी नियमों का पालन कर खेल के राजनीतिकरण को बंद करेगा।