वैश्विक स्थिरता लाने में अहम भूमिका निभा सकता है चीन
महामारी को शुरू हुए दो साल हो चुके हैं, लेकिन अब भी चिंता बरकरार है। दुनिया ने 2008 में मंदी का अनुभव किया, लेकिन अब कोरोना ने फिर से स्थिति को खराब कर दिया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ़ ने हाल ही में कहा कि 2022 एक मुश्किल वर्ष होगा। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा के मुताबिक यह एक एक ऑब्सेटकल कोर्स को नेविगेट करने जैसा होगा। इसके साथ ही अनुमान है कि 2025 तक विकासशील देशों को 12 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। जिससे निपटना वाकई में एक व्यापक चुनौती होगी।
हालांकि इसमें चीन आदि देशों की भूमिका अहम रहेगी, जिस तरह से चीन की अर्थव्यवस्था ने अच्छी रिकवरी की, उससे उम्मीद की किरण जगी है।
अनिल