चोर मचाए शोर वाली कहावत अमेरिकी राजनेताओं पर ही चरितार्थ होती है
चीन यूक्रेन संकट के समाधान के लिए हमेशा ही शांति वार्ता करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश करता रहा है। कौन रूस-यूक्रेन संकट के जारी रहना चाहता है?किस को इस संकट से लाभ मिलेगा?अंतर्राष्ट्रीय समुदाय साफ़ साफ़ देखता है। जैसे कि भूतपूर्व अमेरिकी सांसद तुलसी गबार्द ने कहा था कि अगर अमेरिका यूक्रेन के नाटो में शामिल करने को गारंटी नहीं देता, तो युद्ध रोका किया जा सकता है। लेकिन अमेरिका सरकार ऐसा नहीं करना चाहती।
इधर के वर्षों में चोर मचाए शोर वाली कहावत अमेरिकी राजनेताओं पर ही चरितार्थ होती है। वे दूसरे देशों के लोकतंत्र और मानवाधिकार को बदनाम कर रहे हैं। अमेरिका को ये छल तुरंत बंद कर देना चाहिए।