चीनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा से बढ़ी द्विपक्षीय संबंधों की बहाली की उम्मीद
चीनी स्टेट काउंसलर एवं विदेश मंत्री वांग यी ने 25 मार्च को भारत की यात्रा की। हालांकि इस यात्रा से पहले दोनों देशों की तरफ़ से कोई आधिकारिक अधिसूचनाएं नहीं थीं। फिर भी ऐसा माना जा रहा है कि उनकी यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के मजबूत होने की उम्मीद है। साथ ही यह दोनों देशों के संबंधों की बहाली के लिए भी अनुकूल है। क्योंकि यह एक ऐसा दौरा था जो दोनों देशों के बीच जून 2020 में सीमा पर हुई झड़प के बाद पहली बार हुआ।
वांग यी ने 25 मार्च को भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने सहमति व्यक्त की कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति बहाल करना दोनों देशों के सामान्य हित में है। अलगाव के आधार पर सामान्यीकृत प्रबंधन और नियंत्रण प्राप्त करना और गलतफहमी और गलत निर्णयों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करना आवश्यक है। इसके साथ साथ दोनों पक्षों ने आर्थिक व व्यापारिक सहयोग, लोगों की आवाजाही, सीमा पार नदियों की सूचनाओं के आदान-प्रदान पर संवाद किया। दोनों पक्षों ने कोविड-19 महामारी, यूक्रेन, अफगानिस्तान तथा बहुपक्षीय मामलों पर चर्चा की।
वार्ता के बाद विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ उनकी बातचीत लगभग तीन घंटे तक चली और कई मुद्दों पर खुलकर और वास्तविक रूप से चर्चा हुई। जानकारी के अनुसार, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों, सीमा मुद्दे और रूस-यूक्रेन तनाव की स्थिति जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया। साथ ही दोनों पक्षों ने भारतीय छात्रों की वीज़ा समस्या, भारत में 200 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाए जाने और भारत में चीनी कंपनियों को व्यापार करने से रोकने और अन्य विषयों पर भी विचार-विमर्श किया।