वर्ष 2022 ब्रिक्स शिखर सममेलनः ब्रिक्स के सदस्यों और विश्व के सामंजश्य की परखी
उपरोक्त संस्कृत उद्धरण के अनुसार, "जैसे सोने की शुद्धता को चार तरीकों से परखा जाता है, अर्थात् रगड़ना, काटना, जलाना और पीटना। मनुष्य या रिश्ते की परीक्षा चार तरीकों से होती है, अर्थात् सीखना, आचरण, वंशावली और क्रिया।" क्या भारत-चीन विवाद को सुलझाने के लिए कार्य करेंगे या इस के बदलते विश्व-परिदृश्य से बेखबर रहेंगे, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में और कड़वाहट आ सकती है?
पश्चिमी विश्लेषक ब्रिक्स देशों के मतभेदों को बढ़ा चढ़ा कर पेश करने में जुटे हुए हैं ।वे प्रोपोगैंडा के कला का प्रयोग कर विकासशील देशों के मतभेद को सनसनीखेज बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि घरेलू श्रोताओं ,राजनीकि विपक्षों और राजनयिक मजबूरी को भ्रमित किया जाए ।
ब्रिक्स मुख्य तौर पर आर्थिक मामलों पर फोकस रखते हैं ,पर येकाटरिनबर्ग शिखर बैठक में ब्रिक्स ने राजनीतिक पहचान शुरू किया ।इस शिखर बैठक के बयान में ब्रिक्स के नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानून ,समानता ,पारस्परिक सम्मान ,सहयोग ,समंवित काररवाई और सामूहिक रूप से निर्णय लेने पर आधारित एक अधिक लोकतांत्रिक और न्यायपूर्ण बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की अपील की ।वर्ष 2008 की शिखर बैठक का बयान अब तक विश्व के लिए उपयोगी और प्रासंगिक है ।इस के अलावा ब्रिक्स देशों के नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के चौतरफा सुधार की वकालत भी की ताकि यूएन अधिक लोकतांत्रिक और कार्यकुशल बन जाए ।
अब तक ब्रिक्स की महत्वपूर्ण उपलब्धियां वित्तीय सहयोग में प्राप्त हुई हैं ,जैसे नये विकास बैंक (एनडीबी) ,आपात रिजर्व प्रबंधन(सीआरए) और अन्य वित्तीय समन्वित उपकरण ।एनडीबी ने अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए अपने अपने मुद्रा का प्रयोग करने का वादा किया ,जो ब्रिक्स की डॉलर विच्छेद पहल का सिरा है ।अमेरिका और चीन—रूस के बीच तनाव बढ़ने के कारण डी-डॉलराइजेशन को गति मिली है । डी-डॉलराइजेशन से वैश्विक वित्त पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है ।उदाहरण के लिए सउदी अरब चीन के साथ चीनी मुद्रा युआन से चीन को तेल बेचने पर विचार कर रहा है ।गौरतलब है कि चीन सउदी अरब के निर्यातित तेल का 25 प्रतिशत खरीदता है ।