2021 में चीन-भारत संबंधों पर एक नज़र
चौथा, दोनों देशों के लोगों के बीच शत्रुता भी बढ़ती रही। 15 अगस्त 2021 को भारतीय स्वतंत्र दिवस के दिन, भारत के मशहूर थिंक टैंक ऑबजर्वर फाउंडेशन द्वारा जारी एक सर्वेक्षण से जाहिर है कि 77 प्रतिशत भारतीय युवाओं का मानना है कि चीन सबसे बड़ा अविश्वसनीय देश है, साथ ही वे अमेरिका को सबसे विश्वसनीय देश मानते हैं। 86 प्रतिशत लोगों ने भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे बहाने से चीनी मोबाइल एप्स के खिलाफ पाबंदी के कदम का समर्थन किया। 62 प्रतिशत भारतीय यह मानते हैं कि चीन-अमेरिका तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में भारत को निर्गुट नीति को त्याग देना चाहिए। दोनों देशों के बीच मानवीय आदान-प्रदान भी पूरी तरह बंद हो गया है।
पांचवां, चीन-भारत सीमा विवाद से दोनों के बीच आपसी विश्वास भी कमज़ोर हो गया है। ऐसी स्थिति में 2021 में चीन और भारत के बीच आपसी आवाजाही मुख्यतः संकट नियंत्रित करने पर केंद्रित रही।
चीन-भारत संबंधों में इस परिवर्तन से दोनों देश एक-दूसरे को अलग समझते हैं। भारत के साथ संबंधों का विकास करते समय पहले चीन दोनों पक्षों के बीच के अनुभव पर ज्यादा ध्यान देता है, जबकि सबसे पहले भारत के अनुभव पर नजर नहीं रखेगा। साथ ही भारत चीन को सबसे बड़ी धमकी समझता है और इसका निपटारा करने के लिए भारत लगातार अमेरिका और रूस के साथ संबंधों को गहरा करने की कोशिश करता है।
बीते एक वर्ष में चीन-भारत संबंध उपरोक्त नयी स्थिति में रहे।
2. 2021 में चीन-भारत संबंधों में कई हाइलाइट्स
2021 में हालांकि चीन-भारत संबंध अच्छे नहीं रहे, फिर भी 2020 की तुलना में कई हाइलाइट्स कही जा सकती हैं।
पहला, दोनों देशों के नेताओं ने एक-दूसरे को संवेदना पत्र भेजे हैं। 30 अप्रैल 2021 को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत में कोविड-19 महामारी की गंभीर स्थिति को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संवेदना पत्र भेजा। जबकि अगस्त माह में चीन के जंगचो शहर में भारी वर्षा से आयी आपदा को लेकर भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने भी चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को संवेदना पत्र भेजा। जिससे दोनों देशों के नेताओं के अच्छे संबंध बनाए रखने का अच्छा इरादा प्रतिबिंबित होता है।