2021 में चीन-भारत संबंधों पर एक नज़र
विश्व के दो बड़े विकासशील देश होने के नाते चीन और भारत को राष्ट्रीय पुनरुत्थान की खोज करने के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्थलों में सहयोग कर व्यापक विकासशील देशों के समान कल्याण और ध्यानाजनक मुद्दों के लिए और मानव साझे भाग्य वाले समुदाय की रचना करने के लिए एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए। बड़े देशों को बड़े देशों का रूप अपनाना चाहिए और बड़े देशों का कर्तव्य भी निभाना चाहिए। इस तरह के सहयोग अवश्य ही द्विपक्षीय संवाद और सहयोग के लिए और मैत्रीपूर्ण माहौल तैयार करेंगे।
वास्तव में चीनी विदेश मंत्री के उपरोक्त सुझाव इस वर्ष की शुरूआत में भारतीय विदेश मंत्री जय शंकर द्वारा पेश किये गये तीन सुझावों से मेल खाते हैं। यानी दोनों देशों को एक-दूसरे का सम्मान करना है, एक-दूसरे के केंद्रीय हितों से संबंधित मामलों पर ख्याल करना चाहिए और एक-दूसरे को लाभ देना चाहिए। इससे पूर्ण रूप से यह जाहिर है कि दोनों देशों के नेता आशा करते हैं कि चीन-भारत संबंध आखिरकार असामान्य स्थिति को खत्म कर सकेंगे और स्थिर विकास के रास्ते में आगे बढ़ेंगे।
हमें उम्मीद है कि 2022 में चीन-भारत संबंध उज्जवल होंगे।