शी और पुतिन की शीतकालीन ओलंपिक भेंट ने द्विपक्षीय संबंधों को प्रदान की नयी शक्ति
4 फरवरी की रात को 24वां शीतकालीन ओलंपिक खेल समारोह पेइचिंग में औपचारिक तौर पर शुरू हुआ। उद्घाटन समारोह में उपस्थित अंतरराष्ट्रीय नेताओं में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल रहे, जो पूर्व में निश्चित भेंट को साकार करने आए हैं।
4 फरवरी को दोपहर बाद चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पुतिन के साथ हुई भेंटवार्ता में कहा कि इस बार आप हमारे यहां "निश्चित शीतकालीन ओलंपिक भेंट" को साकार करने आए, विश्वास है कि "नए साल की मुलाकात" चीन-रूस संबंधों में ज्यादा जीवन शक्ति का संचार करेगी। दोनों नेताओं ने चीन-रूस संबंधों और वैश्विक विकास व स्थिरता से संबंधित श्रृंखलाबद्ध प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
दोनों देशों ने "नए युग में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और वैश्विक सतत विकास पर चीन-रूस संयुक्त वक्तव्य" जारी किया, जिसे मौजूदा भेंटवार्ता में सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक फल माना जा रहा है। मॉस्को अंतरराष्ट्रीय संबंध कॉलेज के प्रोफेसर बालाबानोव के विचार में रूस और चीन के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध न केवल एक-दूसरे के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में भी इनकी अहम भूमिका है।
साल 2014 में जब राष्ट्रपति शी चिनफिंग राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण पर सोची शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए रूस गए, तो उस समय दोनों पक्ष "2022 में पेइचिंग में फिर से मिलने" के लिए सहमत हुए। यह निश्चित भेंट आज हकीकत बन गई है। एक दूसरे के यहां "ओलंपिक पारस्परिक यात्रा" दो राष्ट्राध्यक्षों के बीच गहरी दोस्ती की साक्षी बनी, और साथ ही साथ इसने नए युग में चीन-रूस व्यापक रणनीतिक साझेदार संबंधों के अर्थ को भी स्पष्ट रूप से समझाया।
"चीन और रूस हमेशा बैक-टू-बैक रणनीतिक सहयोग को गहरा करने और कंधे से कंधा मिलाकर अंतरराष्ट्रीय निष्पक्षता व न्याय की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक रणनीतिक निर्णय है, जिसका चीन, रूस और यहां तक कि दुनिया पर दूरगामी प्रभाव है। यह अतीत में अविचल रहा, वर्तमान में अविचल है और भविष्य में भी अविचल रहेगा।" राष्ट्रपति शी चिनफिंग की इस बात पर राष्ट्रपति पुतिन की सहमति प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि रूस चीन को सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार और समान विचारधारा वाला दोस्त मानता है। दोनों पक्षों ने अपने मूल हितों की रक्षा के लिए एक-दूसरे का दृढ़ समर्थन किया और दोहराया कि चीन और रूस हितों को नुकसान पहुंचाने तथा चीन-रूस संबंधों को विभाजित करने का कोई भी प्रयास जरूर विफल होगा।