यहां 9 घटनाक्रम के जरिए जानें, क्या होगा ‘भारत का भविष्य’?
साल 2021
यहां 9 घटनाक्रम के जरिए जानें, क्या होगा ‘भारत का भविष्य’?
साल 2021, कोरोना वायरस के कारण दुनिया के लिए चुनौतियों भरा रहा। एक ओर जहां हर देश में आर्थिक संकट छाया हुआ है, तो दूसरी ओर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की चुनौतियां हैं। ये चुनौती लगभग हर देश के सामने हैं, लेकिन भारत व चीन आर्थिक संकट और 'कोरोना वायरस की भयावह स्थिति' पर नियंत्रण करने में काफी हद तक सफल रहे हैं।
कोरोना वायरस, सदी की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदी है। इस बात की गंभीरता और वैश्विक सहयोग की भावना से भारत ने अपने पड़ोसी देशों बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका, भूटान, मालदीव, मॉरीशस, ओमान और सेशेल्स को कोविडशील्ड वैक्सीन भिजवाईं। भारत में निःशुल्क कोविड टीकाकरण महा-अभियान जारी है, जिसमें भारतीयों को कोविडशील्ड और कोवेक्सीन लगाई जा रही हैं।
सहयोग करने और सतर्कता बरतने का समय
चीन ने भी दुनिया के कई देशों को सिनोफार्मा और सिनोवैक वैक्सीन उपलब्ध करवाईं ताकि कोरोना वैश्विक महामारी के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सके।
मौजूदा समय में ऐसे कई देश हैं जहां कोविड वैक्सीन का पहला डोज लोगों को नहीं लगा है। दुनिया के सामने कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रॉन सामने आ चुका है, जिसके बारे में ज्यादा जानकारी वैज्ञानिकों को नहीं है, लेकिन इस बार दुनिया के सभी देश सहयोग करते हुए सतर्कता बरत रहे हैं।
भारत में ज्यादातर लोगों को कोविड वैक्सीन के दोनों डोज लगा दिए गए हैं। अमेरिका में बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं, भारत सरकार भी भविष्य में नागरिकों को बूस्टर डोज देने के बारे में मंथन कर रही है।
क्या हम ऐसा कुछ कर सकते हैं?
यदि ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ विश्व के विकासशील और विकसित देशों के सहयोग से नए संगठन (वायरस संबंधित बीमारियों पर वैश्विक नियंत्रण के लिए) और उसके कार्य करने की रणनीति पर कार्य करे तो कोरोना के साथ ही भविष्य में आने वाली वायरस संबंधित बीमारियों को सही समय पर पहचानकर, नियंत्रित किया जा सकता है।