यहां 9 घटनाक्रम के जरिए जानें, क्या होगा ‘भारत का भविष्य’?
वायरस से होने वाली, कोरोना पहली वैश्विक बीमारी नहीं है। संभव है! भविष्य में आने वाले वायरस कोरोना, वायरस से भी ज्यादा खतरनाक हों? तब इस तरह का संगठन बेहतर प्रबंधन के जरिए वायरस पर नियंत्रण कर सकता है।
पटरी पर भारतीय अर्थव्यवस्था
कोरोना ने सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर असर डाला है। वर्तमान में, भारतीय अर्थव्यस्था पटरी पर आ चुकी है और रफ्तार पकड़ रही है। आर्थिक मोर्चे पर साल 2021 उतार-चढ़ाव भरा रहा। साल के आखिर में अर्थव्यस्था ने गति पकड़ ली है। अक्टूबर 2021 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अनुमान लगाया था कि भारत विश्व में सर्वाधिक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
जुलाई-सितंबर 2021 में भारत दुनिया के सबसे तेजी से गति वाली अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 8.4 रहा, इसके बाद क्रमश: रोमानिया 8.0, यूके 6.6, सऊदी अरब 6.2, हंग्री 6.1, मेक्सिको 5.8, चीन 4.9 और यूएसए 4.9 रहा।
भारत और दुनिया की आर्थिक स्थिति के भविष्य को लेकर दो बातें कही जा सकती है पहली यह कि बाजार अब ऑनलाइन शिफ्ट हो रहे हैं, जिसका फायदा ग्राहक और व्यापारी दोनों को मिल रहा है। स्मार्टफोन, कंप्यूटर, घरेलू उपकरण की बिक्री भारत के साथ ही दुनियाभर में बढ़ी है। दूसरी बात यह कि ऑटो सेक्टर और औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति में सुधार देखा जा रहा है।
म्यांमार और अफगानिस्तान में तख्तापलट
साल की शुरूआत यानी 01 फरवरी, 2021 को भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना ने तख्तापलट कर दिया। तो वहीं, तालिबान ने अफगानिस्तान पर 15 अगस्त, 2021 के दिन बिना किसी लड़ाई के कब्जा किया। भारत के नजरिए से देखें तो अफगानिस्तान में भारत के कई प्रोजेक्ट जारी थे, जहां भारत ने निवेश किया था। प्रोजेक्ट का रुकना भारत के लिए आर्थिक हानि के रूप में देखा जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत
साल 2021 भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि लेकर आया। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के दौरान हुए चुनाव में, भारत को साल 2021 और 2022 की अस्थाई सदस्यता के लिए चुना गया। सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में भारत का 02 वर्षीय कार्यकाल 1 जनवरी 2021 को शुरू हुआ।