आम तौर पर 2021 में चीन-भारत संबंध निचले स्तर पर रहे। दोनों देशों के बीच सामरिक आपसी विश्वास की कमी दिखी है
चीन ने पिछले कुछ वर्षों से विज्ञान व तकनीक के विकास पर बहुत ध्यान दिया है। साथ ही मौसम व कृषि आदि के क्षेत्र में ज्यादा
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 15 दिसंबर को ताजा आंकड़े जारी कर कहा कि दुनिया भर में कोरोना वायरस के पुष्ट मरीजों की कुल संख्य
हाल में अमेरिकी सीनेट ने तथाकथित “शिनच्यांग उईगुर जबरन श्रम रोकथाम बिल” पारित किया। इस बिल से तथाकथित “जबरन श्रम” के बहा
ब्रिक्स देशों के मंच ने पिछले डेढ़ दशक में व्यापक उपलब्धियां हासिल की हैं। इसमें चीन
“मैं शीतकालीन ओलंपिक में आप से मिलने की प्रतीक्षा में हूं। मैं पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने का
साल 2021यहां 9 घटनाक्रम के जरिए जानें, क्या होगा ‘भारत का भविष्य’?साल 2021
स्थानीय समयानुसार 13 दिसंबर तक अमेरिका में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 5 करोड़ से अधिक हो गयी है और इस महामारी में मृ
हाल के वर्षों में चीन में बौद्धिक संपदा अधिकार(आईपीआर) के संरक्षण पर व्यापक ध्यान दिया गया है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर
हाल ही में अमेरिका समेत कुछ गिने-चुने देशों ने पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक में अधिकारी न भेजने की घोषणा की। लेकिन चीनी पक्ष
इतिहास गवाह है कि अतीत में न जाने कितने युद्ध हुए
8 से 10 दिसम्बर तक चीन का वार्षिक केंद्रीय आर्थिक कार्य सम्मेलन पेइचिंग में आयोजित हुआ। कई अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख मीडिया
चीन ने पिछले कुछ दशकों में इतना तेज विकास किया है कि दुनिया भर में इसकी चर्चा होती है। आर्थिक
अमेरिका द्वारा आयोजित तथाकथित “लोकतंत्र शिखर सम्मेलन” 10 दिसंबर को निराशाजनक तरीके से समाप्त हो गया है। हांगकांग में अरा
निकारागुआ द्वारा थाईवान के अधिकारियों के साथ "राजनयिक संबंधों के विच्छेद" की घोषणा किये जाने के बाद चीन और निकारागुआ ने